Tuesday, June 18, 2013

भारतीय किसान युनियन के नेताओ ने जकार्ता में हुए अंतररास्ट्रीय किसान सम्मलेन में भाग लिया .......

     प्रेस नोट 


इंडोनेसिया की राजधानी जकार्ता में लाविया काम्पेसिना द्वारा  6  वे अंतररास्ट्रीय किसान सम्मलेन का आयोजन 6 जून से १३ जून तक किया गया ...... सम्मलेन में 6 -7 जून को महिला परिषद् का आयोजन किया गे ,जिसमे महिला किसानो की समस्याओ पर विचार किया गया ..महिला परिषद् में महिला किसनो को सामान अधिकार ,महिला किसानो को जमीन का अधिकार,उत्पीडन,महिला किसानो की आन्दोलन में भागीदारी को बढ़ने आदी विषयो पर चर्चा की  गयी ...महिला परिषद् में भारतीय किसान युनियन की केतकी सिंह (उत्तर परदेश ) राजरिगा (तमिलनाडु) नंदनी (कर्नाटक राज्य संघ ) ने भाग लिया लेकर महिला किसानो के लिए कार्य  करने का प्रस्ताव किया।

सम्मलेन में 8  -9  जून को युवा किसान  परिषद् का आयोजन किया गया .जिसमे युवा किसानो का खेती में रूचि न रखना ,युवाओ का पलायन,युवाओ में जमीं का बटवारा ,युवाओ को खेती आधारित रोजगार ,युवाओ को खेती में रोकने हेतु खेती को लाभकारी बनाने हेतु कार्य करने का संकल्प लेकर    गतिविधियों व् अनुभवों को सभी के साथ बाटकर अंतररास्ट्रीय सतर पर कार्य करने का निर्णय लिया ....युवा किसान  परिषद् में भारत से धर्मेन्द्र मालिक ने भाग लिया ..........


अंतररास्ट्रीय किसान सम्मलेन 10 -12जून तक परिषद् का आयोजन किया गया ...जिसमे मुख्य रूप 5 मुद्दों पर चर्चा की गयी ..
1 . जलवायु परिवर्तन ;  परिषद् में जलवायु परिवर्तन को लेकर सभी देश के किसानो ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से किसानो को काफी नुकसान हो रहा है,जलवायु परिवर्तन से किसानो के सामने बीज का खतरा उत्पन्न हो गया है ..किसानो के बीज उचित तापमान न मिलने के कारन उत्पादन नहीं दे रहे है .....असमय बारिश और सर्दी से किसानो के सामने संकट है ....सभी देश की सरकारे अगर
किसानो को जैविक खेती के लिए सुविधाए पर्दान करे तो तापमान को कम किया जा सकता है ..सभी किसान संगठन केमिकल और रासायनिक खाद मुक्त खेती को बढावा देगे ...

सस्ते कृषि आयात का विरोध ; परिषद् में कृषि आयात को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए किसानो ने  कहा कि सस्ते आयात से किसान को उनके उत्पाद का मुल्य  नहीं मिल रहा है ,विश्व वयापार संगठन व् मुक्त व्यापर समझोते के कारन किसान मार झेल रहे है ...सभी तरह के कृषि आयात का विरोध करने का निर्णय लिया गया ...

बहुरास्ट्रीय कंपनियों के खिलाप आन्दोलन करने ,कंपनियों द्वारा भूमि अधिग्रहण ,बीज पर कब्जे की साजिश आदि को लेकर  कंपनियों के विरोध में आन्दोलन होगा .....

परिषद् में 70 देसों के 150 किसान संगठनो के पर्तिनिधियो ने भाग लिया ....परिषद् में भारत में राकेश टिकैत ,युधवीर सिंह ,सतनाम सिंह चीमा ,राजपाल शर्मा ,नालागोंदर ,शैलामुट्टू ,चुक्की स्वामी  ने भाग लिया .........




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