Thursday, July 22, 2010

भाकियू ने भरी हुंकार

भाकियू ने भरी हुंकार


फतेहपुर। भारतीय किसान यूनियन ने महंगाई के विरोध में स्वर मुखर किया। बुधवार को नहर कालोनी परिसर में हुए किसानों की पंचायत में नहरों में पानी और बिजली कटौती को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

पंचायत के बाद जिलाधिकारी को 20 सूत्रीय ज्ञापन देकर समस्याओं का निराकरण कराने की मांग की गई। पंचायत में अभी तक पर्याप्त बरसात न होने से उत्पन्न हो रहे सूखे की स्थिति पर गंभीरता से चर्चा की गई। बाद में नहरों में टेल तक पानी और किसानों को बिजली आपूर्ति देने की मांग की गई। पंचायत की अध्यक्षता करते हुए भाकियू जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह गौतम ने कहा कि किसान हितों की रक्षा के लिए अतिशीघ्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। पंचायत के बाद सभी किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर समस्या का निराकरण कराने की मांग की।

ज्ञापन में फसलों का किसानों को लाभकारी मूल्य देने, पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी कीमत वापस लेने, उर्वरकों की सब्सिडी सीधे किसानों को देने, जमीन अधिग्रहण होने पर किसानों को बाजारी मूल्य का भुगतान करने, गन्ना किसानों का बकाया ब्याज सहित भुगतान करने की मांग की गई। इसके अलावा किसानों को 14 घंटे बिजली देने, किसानों को विश्व व्यापार संगठन से बाहर रखने, कृषि बीमा योजना में किसानों को इकाई मानने, जंगली जानवरों से छुटकारा दिलाने आदि की मांग की गई है। इनके अलावा ज्ञापन में स्थानीय समस्याओं का भी उल्लेख किया गया है।

इनमें इलाहाबाद और कानपुर के बीच इंटर सिटी ट्रेन चलाने, खागा रेलवे क्रासिंग पर पुल का निर्माण कराने, किशनपुर रोड पर टूटा नदी के पुल का निर्माण कराने, किशनपुर पावर हाउस को सीधे खागा पावर हाउस से जोड़ने की मांग की गई है। इस मौके पर देवनारायण सिंह पटेल, ज्ञान सिंह, राजेंद्र सिंह, राजेंद्र द्विवेदी, दीपक गुप्ता, देवीदीन सिंह, राकेश पांडेय आदि मौजूद थे।




पंचायत में बिजली कटौती पर चर्चा

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भाकियू कार्यकर्ताओं ने घंटों किया प्रदर्शन

भाकियू कार्यकर्ताओं ने घंटों किया प्रदर्शन


लखनऊ। 63 सूत्रीय मांगों को लेकर भाकियू के हजारों कार्यकर्ता बुधवार को कलेक्ट्रेट पर धरना देने पहुंचे। काफी मान-मनौव्वल व 29 जुलाई को अधिकारियों से वार्ता के आश्वासन के बाद कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया। भाकियू के मोहनलालगंज, गोसाईगंज, चिनहट, बीकेटी समेत कई गांवों के डेढ़ हजार से अधिक कार्यकर्ता व पदाधिकारी मंडलायुक्त कार्यालय से कलेक्ट्रेट पहुंचे। पदाधिकारी डीएम से बातचीत की मांग पर अड़ गए। भाकियू जिला अध्यक्ष हरिनाम सिंह ने बताया किसान 63 सूत्रीय मांगपत्र पर बात करने को कह रहे थे। घंटों तक आला अफसरों से वार्ता के बाद प्रदर्शनकारियों ने 29 जुलाई को डीएम से वार्ता के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त किया।

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29 जुलाई को अफसरों से वार्ता के आश्वासन के बाद प्रदर्शन खत्म किया

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भाकियू ने कलक्ट्रेट घेरा, घंटों बवाल ‘साहब महंगे क्यों हैं आपके महकमे के कृषि यंत्र’



भाकियू ने कलक्ट्रेट घेरा, घंटों

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‘साहब महंगे क्यों हैं आपके महकमे के कृषि यंत्र’

बागपत। कार्यकर्ताओं का गुस्सा देख एडीएम ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत कलेक्ट्रेट पर तलब कर लिया। दोनो पक्षों में वार्ता हुई, जिसमें किसान नेता अफसरों पर भारी पड़े। उन्होंने एक के बाद एक समस्या बता अधिकारियों पर एक के बाद एक सवाल दागे और उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।

खेकड़ा के यशपाल सिंह ने कहा कि उसकी फसल खाद न मिलने से सूख रही है। वे ब्लैक में खाद लेने को मजबूर हैं। पहले सोसायटी पर बीज, चीनी, खाद मिलता था, लेकिन अब यह सोसायटी नाम की रह गई हैं।

भाकियू नेता राजेंद्र सिंह और उपेंद्र ने कहा कि तीन दिन से किशनपुर बराल बिजलीघर में पानी भरा है। लोगों को बिजली नहीं मिल रही, लेकिन पावर अफसर चुप बैठे हैं। किसानों के खेत सिंचाई के अभाव में सूख रहे हैं। उन्होंने नहर विभाग के अधिकारियों पर घपलेबाजी के आरोप भी लगाए। राजपाल सिंह, चमन शर्मा आदि ने कहा कि जिले में उद्यान विभाग नाम का रह गया है। किसानों को सरकारी योजनाओं तक की जानकारी नहीं दी जाती। कुछ किसानों ने कृषि अधिकारियों पर सवाल दागा कि साहब तुम्हारा विभाग तो कृषि यंत्रों पर छूट देता है, लेकिन यह यंत्र तो बाजार से भी महंगे हैं। एरो बाजार में 2700 रुपये में मिलता है, जबकि विभाग इसे 3700 रुपये में दे रहा है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग में एजेंट सक्रिय हैं।

बिजली-पानी, बीज-खाद की किल्लत से फूटा गुस्सा

प्रमुख मांगें

1. सहकारी समितियों पर डीएपी, जिक सल्फेट उपलब्ध हों।

2. नहरों में टेल तक पानी, हरेक गांव में किसान गोष्ठी हो।

3. खराब नलकूप ठीक कराएं और नए लगवाएं, रोस्ट से नहरों में पानी।

4. मलकपुर मिल से जल्द गन्ना भुगतान कराया जाए।

5. बागपत में ट्रांसफार्मर वर्कशॉप बनवाया जाए।

6. जिले में अवैध कमेला बंद हो।

7. बागपत और देहात के लिए 10 एमवीए का नया ट्रांसफार्मर लगे।

8. बढ़ी हुई विद्युत दरें वापस लें।

9.

बागपत और रमाला मिलों की एजीएम की बैठक हो।

10.

गेहूं का समर्थन मूल्य 1500 ओर गन्ना 300 रुपये कुंतल हो।

11. विद्युत ट्रासफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाए।

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बागपत। बिजली, पानी, बीज और खाद की दिक्कतों को लेकर बुधवार को भाकियू ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। उन्होंने संबंधित अफसरों को मौके पर बुलाने के लिए आधे घंटे का अल्टीमेटम दिया। आनन-फानन में सभी महकमे के अफसर बुलाए गए, घंटो वार्ता चली और आश्वासन दिए गए। भाकियू नेताओं ने 15 दिन में मांगे पूरा न होने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी।

भाकियू जिलाध्यक्ष प्रताप गुर्जर के नेतृत्व में जिले भर से आए सैकड़ों भाकियू कार्यकर्ता सुबह 10 बजे ही कलेक्ट्रेट के धरना स्थल पर पहुंच गए। इसके बाद नारेबाजी करते हुए डीएम कक्ष के सामने जाकर बैठ गए और पंचायत शुरू कर दी। भकियू जिलाध्यक्ष प्रताप गुर्जर, उपेंद्र सिंह, चमनलाल, नरेंद्र राणा आदि कई नेताओं ने पंचायत में कहा कि कई महीनों से किसान अपनी समस्याओं को लेकर धरना दे रहे हैं, अफसरों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अफसर सुनने को तैयार नहीं है। किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने घोषणा कर दी कि जब तक गांव में बिजली ठीक नहीं मिलेगी, छापामार टीम को घुसने नहीं देंगे।

नहरों में पानी आने और समितियों पर खाद-यूरिया का इंतजाम करने को भी एक सप्ताह का समय दिया और साफ कह दिया कि यदि उनकी शिकायतों पर सुनवाई नहीं हुई तो वह बड़ा कदम उठाएंगे।

यहां पहुंचे एडीएम रामवतार से इन्होंने इन समस्याओं पर बात करने को और संबंधित अधिकारियों को बुलाने की मांग की।

इसके लिए आधा घंटे का टाइम दिया गया और कह दिया कि यदि आधे घंटे में अधिकारी नहीं पहुंचे तो किसान दिल्ली हाईवे जाम कर देंगे, यह सुनकर अफसरों के पसीने छूटने लगे। सभी अफसरों को सूचना देकर बुलाया गया, एडीएम से वार्ता को कक्ष में सभी घुसने लगे, तो सीओ ने उन्हें रोक दिया। उसका कहना था कि उनका प्रतिनिधिमंडल अंदर जाकर बात कर ले।

इसे लेकर कार्यकर्ताओं की सीओ से कहासुनी हुई। बाद में अधिकांश किसान अंदर चले गए, जिसके बाद एडीएम की मध्यस्थता में दोनो पक्षों में घंटो तक वार्ता चली, अफसरों के आश्वासन देने के बाद ही कार्यकर्ता अपना ज्ञापन देकर लौटे।

एक दिन गांव में रहकर देखो अफसर जी

भकियू नेता प्रताप गुर्जर का कहना था कि ये अफसर प्यार की भाषा न जानते, ये तो कड़वी भाषा जाने हैं। यह अफसर तो एसी चलाकर उनमें चैन से सोवें हैं, और किसान और आम जनता बिना बिजली के रात भर जागे हैं। अफसर एक दिन गांव में रात काटकर तो देखें सब पता चल जावेगा।

छावनी बना दिया कलक्ट्रेट

प्रदर्शन को देख पुलिस प्रशासन ने कलक्ट्रेट को छावनी बना दिया था। भारी पुलिस बल यहां तैनात कर दिया गया। जैसे ही भाकियू नेताओं ने आधे घंटे में अफसरों के ना आने की घोषणा की यहां पर पुलिस बल बढ़ा दिया गया।

जल्द दूर हो जाएगी समस्या

कृषि उपनिदेशक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार धान के बीज की सप्लाई लेट होने की वजह से यह समय से किसानों को नहीं मिल सके थे। उन्होंने माना कि विदेश से डीएपी की सप्लाई लेट आई थी। जल्द ही तीन हजार एनएपी बागपत में आ जाएगी ओर दिक्कत नहीं रहेगी। इसी तरह सभी अधिकारियों ने किसानों की शिकायतों पर जानकारी देकर उन्हें संतुष्ट किया।

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भाकियू ने कलक्टे्रट को घेरा, जुलूस

चकबंदी में भ्रष्टाचार, बिजली कटौती केखिलाफ प्रदर्शन


भाकियू ने कलक्टे्रट को घेरा, जुलूस



अमर उजाला ब्यूरो

बिजनौर।चकबंदी में व्याप्त भ्रष्टाचार और बिजली कटौती के विरोध में भाकियू ने बिगुल फूं क दिया है। बुधवार को भाकियू ने कई मांगों को लेकर नगर में जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया।

यूनियन ने इस दौरान प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम प्रशासन को सौंपा। इससे पूर्व कलक्ट्रेट में प्रवेश को लेकर भाकियू और पुलिस प्रशासन के बीच काफी नोक झोंक हुई। प्रशासन ने कलक्ट्रेट के गेट में ताला डलवा दिया था। भ्रष्टाचार से त्रस्त हुए किसानों ने इस मौके पर कलक्ट्रेट गेट पर सभा की। यहां ऐसे आफिसों पर धावा बोलने के ऐलान किया गया जहां किसानों का शोषण होता है।

भारतीय किसान यूनियन के रशीद पुर गढ़ी स्थित कार्यालय पर एकत्रित हुए किसान जुलूस की शक्ल में शास्त्री चौक, सिविल लाइंस, मुख्य डाकघर चौराहा व रोडवेज होते हुए कलक्ट्रेट गेट पर पहुंचे। किसानों की भीड़ देख प्रशासन ने कलक्ट्रेट का गेट बंद करा दिया। इससे किसान भड़क गए। करीब एक घंटे की तक गहमागहमी होने के बाद किसानों ने कलक्ट्रेट के अंदर प्रवेश किया। वहां मौजूद एडीएम प्रशासन एसबी तिवारी को ज्ञापन देकर चक बंदी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने, किसानों को सिंचाई के लिए 20 घंटे मुफ्त बिजली देने, उद्योगों की तर्ज पर किसानों को भी सस्ता डीजल उपलब्ध कराने, उत्तर प्रदेश में सरकारी चीनी मिलों की बिक्री पर रोक लगाने, डीजल और पेट्रोल की बढ़ी कीमतें वापस लेने की मांग की।

किसानों की फसलों का मूल्य बुआई से पहले तय करने तथा स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के मुताबिक लागत में 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर देने, गन्ने का समर्थन मूल्य 350 रुपए प्रति कुंतल घोषित करने की मांग की। जिलाध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में बीकेडी जिलाध्यक्ष रामऔतार सिंह, धीर सिंह बालियान, धूम सिंह, आसिफ खां, बिजेंद्र सिंह, मूला सिंह, ओमपाल सिंह, पवन कुमार, जितेंद्र कुमार, बाबूराम तोमर, गजेंद्र सिंह, महावीर सिंह, उदयवीर सिंह, मंगल सिंह फौजी आदि भारी संख्या में किसान शामिल रहे।

26 को एसई का घेराव

बिजनौर। बिजली कटौती को लेकर भाकियू 26 जुलाई को एसई कार्यालय का घेराव करेगी। बुधवार को प्रदर्शन के दौरान यूनियन ने यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि जब तक बिजली समेत किसानों की सभी समस्याओं का निस्तारण नहीं होता उनका आंदोलन जारी रहेगा।

बोआई के पहले ही तय करें फसल मूल्य भाकियू ने किया प्रदर्शन


बोआई के पहले ही तय करें फसल मूल्य


किसानों ने कलेक्ट्रेट पर पंचायत और

भाकियू ने किया प्रदर्शन

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अमर उजाला ब्यूरो

मिर्जापुर। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। जिला कार्यालय पर एकत्रित कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वक्ताओं ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की जनसंख्या प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कृषि से जुड़ी है। अत्यधिक परिश्रम के बाद भी किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है।

कलेक्ट्रेट पर पंचायत कर किसानों ने कहा कि फसल का मूल्य बोआई से पहले तय किया जाए। मूल्य तय करते समय स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को आधार मानकर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर दरें तय की जाए। देश की सभी फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। गेहूं और धान का समर्थन मूल्य 1500, आलू का 500 और दलहन तथा तिलहन का समर्थन मूल्य 6500 रुपये घोषित किया जाए। गन्ना किसानों के समस्त बकायों का भुगतान करने के साथ और उसका समर्थन मूल्य कम से कम 350 रुपये कुंतल किया जाए। कहा कि रकबे के आधार पर किसानों को उनके खाते में उर्वरक पर सीधे सब्सिडी दी जाए।

भाकियू के जिलाध्यक्ष अली जमीर खां ने कहा कि बाण सागर नहर परियोजना को तृतीय चरण में जरगो बांद से हुसैनपुर बीयर तक जोड़ा जाए। नहरों की सफाई कराकर मरम्मत कराई जाए और टेल तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था हो। जिला महासचिव राम आसरे सिंह ने कहा कि मिर्जापुर जिले की खेती बरसात पर निर्भर है। किसान भदई फसल नहीं उगा पा रहे हैं और खरीफ के लिए नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। किसानों का कृषि संबंधित ऋण माफ किया जाए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अली जमीर खां, राम आसरे सिंह, राजेंद्र प्रसाद सिंह, डा. राम सागर सिंह, प्रहलाद सिंह, वीरेंद्र सिंह, सिद्धनाथ सिंह, पन्नर सिंह, धर्मदेव उपाध्याय, छविनाथ सिंह, उदयनाथ मिश्र, पंचम सिंह, हरिवंश सिंह, सुरेश सिंह, गोपाल सिंह, दासू यादव आदि थे।

सौ धान और गेहूं का समर्थन मूल्य करने की मांग

जुलूस की शक्ल में पहुंचे कार्यकर्ता

स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग

अधिग्रहण के विरुद्ध किसानों ने किया कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन

गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने भूमि अधिग्रहण के विरोध में तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। किसानों ने गन्ना बकाए पर ब्याज दिए जाने की मांग भी की है।


बुधवार को भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन त्यागी के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने कहा कि कृषि योग्य भूमि अधिग्रहित नहीं होनी चाहिए। यदि किसान की भूमि लेनी हो तो उसे बाजार भाव मिलना चाहिए। मोदी मिल पर किसानों का कई करोड़ रुपये बकाया है उसका तुरंत भुगतान होना चाहिए। मधुबन-बापूधाम योजना में जिन किसानों का सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है उनकी जमीन कोर्ट का अगला आदेश आने तक खुर्द-बुर्द नहीं की जाए। सहगोत्र विवाह पर कानून बनाकर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई। महेंद्र सिंह त्यागी, राजवीर, आकाश, कमल सिंह, रणपाल, रामपाल, मुकेश, योगेश आदि थे।

अधिग्रहण के विरुद्ध किसानों

ने किया कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन

भाकियू का कलक्टे्रट पर प्रदर्शन, हंगामाज्ञापन देने को लेकर पुलिसकर्मियों के साथ कार्यकर्ताओं की नोकझोंक और धक्का-मुक्की

भाकियू का कलक्टे्रट पर प्रदर्शन, हंगामा


ज्ञापन देने को लेकर पुलिसकर्मियों के साथ कार्यकर्ताओं की नोकझोंक और धक्का-मुक्की

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अमर उजाला ब्यूरो

बुलंदशहर। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को डीएम को ज्ञापन देने से पहले कलक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया। नाराज किसानों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने पर भाकियू कार्यकर्ता शांत हुए।

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले बुधवार की सुबह करीब ग्यारह बजे राजे बाबू पार्क में धरना और सभा हुआ। इसमें भाकियू के जिला अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कहा कि किसान बदहाली की स्थिति में हैं और सरकार मौज कर रही है। वर्तमान समय में धान की रोपाई चल रही है। किसानों को खाद, बिजली तथा पानी की सबसे अधिक आवश्यकता है, लेकिन किसानों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

सभा के बाद कृषि को उद्योग का दर्जा देते हुए एक सार्थक कृषि नीति घोषित करने, उद्योग की तरह पूंजी, लागत व श्रम के मूल्यांकन के बाद कम से कम 10 फीसदी लाभांश जोड़ते हुए कृषि उत्पादों का मूल्य निर्धारित करने, गेहूं का समर्थन मूल्य 1500 रुपये प्रति कुंतल करने तथा डीएपी, यूरिया, पोटाश और कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति समय से करने जैसी 13 मांगों को लेकर किसानों ने ज्ञापन तैयार किया।

करीब डेढ़ बजे किसान ज्ञापन देने के लिए जिला कलक्ट्रेट चले। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए पार्क का गेट बंद करवा दिया। किसान गेट का ताला तोड़कर कलक्टे्रट चल दिए। वहां पहुंचने पर पुलिस ने किसानों को कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय में जाने से रोकने के लिए कलक्ट्रेट का गेट बंद कर दिया और ज्ञापन लेने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। पुलिस के रोकने से नाराज भाकियू कार्यकर्ताओं की पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से नोकझोंक हो गई। इस दौरान पुलिस और किसानों में धक्का मुक्की भी हुई। बाद में किसानों ने पुलिसकर्मियों को धक्का देते हुए डीएम कार्यालय के बरामदे में कब्जा जमा लिया और नारेबाजी की। घटना के करीब 40 मिनट बाद सीओ सिटी आरके सिंह और एसडीएम सदर विजय पाल सिंह मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाकर शांत कराया। धरने की अध्यक्षता विजेंद्र सिंह ने की तथा संचालन यशवीर सिंह ने किया। कैप्टन बिशन सिंह, ज्ञानचंद्र, समर सिंह, सरदार सिंह, गंगाप्रसाद पिलानिया, नीटू सिंह, जयप्रकाश, मलूका सिंह, सुमन देवी आदि रहे।

किसान बदहाली की स्थिति में : मांगेराम

भड़के किसान, कलेक्ट्रेट तक हुई हाय हाय

भड़के किसान, कलेक्ट्रेट तक हुई हाय हाय


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अमर उजाला

मुरादाबाद। बुधवार को भड़के किसानों ने अंबेडकर पार्क से लेकर कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला। गेट पर मौजूद पुलिस वालों ने जब इन्हें रोकने की कोशिश की तो हंगामा शुरू कर दिया। अफसरों ने समझा बुझाकर शांत कराया। बाद में प्रधानमंत्री को संबोधित अपना अट्ठारह सूत्रीय मांग पत्र मजिस्ट्रेट को सौंप दिया।

अंबेडकर पार्क में सुबह से ही किसानों का जुटना शुरू हो गया था। भाकियू के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह रंधावा ने बताया कि चकबंदी के नाम पर किसानों का शोषण किया जा रहा है। किसानों ने मांग पत्र मजिस्ट्रेट को सौंपा। इस दौरान करन सिंह, दिनेश कुमार, वीरपाल सिंह, राजपाल सिंह, जानकी प्रसाद, रामवीर, रमेश भी थे।

आर्य, गौरव कुमार, डा. नौ सिंह और ऋषिपाल सिंह समेत तमाम लोग रहे।
समस्याओं के निराकरण की मांग


किसानों ने कलेक्टे्रट पर दिया धरना

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अमर उजाला ब्यूरो

रामपुर। किसानों ने बुवाई से पहले फसल का मूल्य घोषित और गन्ना मूल्य साढ़े तीन सौ रुपये कुंतल तय करने समेत कई मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन कर धरना दिया। डीएम के जरिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।

भाकियू के कार्यकर्ता कलक्ट्रेट में एकत्र हुए। उन्होंने डीएम आफिस केसामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ देर प्रदर्शन के बाद किसान वहीं धरने पर बैठ गए। जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, जिला महासचिव परशुराम शर्मा ने किसानों की समस्याएं उठाईं। काफी देर धरना देने के बाद एडीएम को ज्ञापन सौंपा। डीएम के जरिए प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में किसानों की फसल का बुवाई से पहले मूल्य तय, गन्ना किसानों को वक्त से पहले भुगतान, खाद पर सीधे किसानों को सब्सिडी, ग्रामीण इलाके में 12 घंटे बिजली देने, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर रखने, जीएम बीजों के प्रदर्शन व बिक्री पर प्रतिबंध लगाने, कृषि कार्य उपकरणों की खरीद पर चार फीसदी की दर से ऋण उपलब्ध कराने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान किसानों को शोषण किया जाता है जो बंद होना चाहिए। आंदोलन के दौरान पर दर्ज मुकदमे वापस, प्रदूषण फैला रहे कारखानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। धरना देने वालों में गुरविंदर सिंह पन्नू, दरयाव सिंह, होरी लाल, वीरेंद्र सिंह, गुलजार सिंह, वली मोहम्मद, रामनाथ सिंह, सत्येंद्र सिंह, प्रेम सिंह, रामसुख, टीकाराम, सगीर अहमद भी थे।

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डीएम की मार्फत पीएम को भेजा पत्र

भुगतान को भाकियू ने खोला मोर्चा

भुगतान को भाकियू ने खोला मोर्चा


अमरोहा(ब्यूरो)। गन्ना मिलों पर किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन के बाद डीएम को ज्ञापन सौंपा।

प्रदर्शन के बाद आयोजित बैठक में वक्ताओं ने मांग की कि गन्ना मिलों पर किसानों का करोड़ों रुपया बकाया है। जिसका जल्द से जल्द भुगतान होना चाहिए। कहा कि सभी किसानों को तीन किलोवाट का विद्युत कनेक्शन दिलाया जाए, कनेक्शन के लिए सामान्य कोटे में बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए। मांग की कि जोया के निकट बने टोल प्लाजा पर क्षेत्रीय जनता को टैक्स के दायरे से मुक्त रखा जाए। जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए भी प्रशासन को ठोस कदम उठाए। प्रदर्शनकारियों में भगवंत सिंह, योगेंद्र पाल सिंह, छतर सिंह, रामपाल सिंह, विजयपाल सिंह मौजूद रहे।

भाकियू का धरना-प्रदर्शन

भाकियू का धरना-प्रदर्शन


मुजफ्फरनगर।

विभिन्न समस्याओं को लेकर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत एवं प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रपाल फौजी के नेतृत्व में किसानों ने डीएम कार्यालय का घेराव किया। बाद में भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत भी पहुंचे गए किसानों ने अपर जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को सौंपा।

किसान डीएम कार्यालय पर पहुंचे और प्रदर्शन किया। राकेश टिकैत ने गन्ना मूल्य आगामी पेराई सत्र के लिए 350 रुपए प्रति कुंटल घोषित करने, किसानों को जमीन की जोत केअनुसार उर्वरक सब्सिडी देने की मांग की। चंद्रपाल फौजी ने किसानों को कृषि उपकरण खरीद पर सस्ता ऋण दिए जाने की मांग की। प्रदर्शन को भाकियू जिलाध्यक्ष ओमपाल मलिक, धीर लाटियान, धमेंद्र मलिक, यशपाल सिंह, कृष्णपाल तोमर आदि ने भी संबोधित किया। अपर जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र गोडबोले ने किसानों के बीच पहुंचकर ज्ञापन लिया।

किसानों के बीच पहुंचे टिकैत

पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत बीमारी के बावजूद डीएम कार्यालय पर किसानों के धरने के बीच पहुंचे। चौधरी टिकैत ने किसानों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि जो जिला स्तर की समस्या हैं उन्हें ही पूरा करने की मांग डीएम से करें। जो प्रदेश स्तर की समस्या है उन्हें प्रदेश सरकार और जो केंद्र स्तर की समस्या हैं उनहें केंद्र सरकार से पूरी कराएं। फसल का मूल्य बुवाई से पहले ही घोषित हो जाना चाहिए जिससे किसान मूल्य के आधार पर फसल बोना चाहेतो बो सकता है।

उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल का मूल्य स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के आधार पर लागत में मुनाफा जोड़कर तय किया जाना चाहिए।

उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग


सहारनपुर। प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों से गुस्साए भाकियू कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया। जिससे घंटों जाम की स्थिति बनी रही। किसानों ने गांधी पार्क से लेकर कलक्ट्रेट तक जुलूस निकाला।

बुधवार सुबह से ही जिले के विभिन्न इलाकों से ट्रैक्टर ट्राली आदि से किसान गांधी पार्क में जुटने लगे थे। भाकियू कार्यकर्ताओं ने बैठक की और फिर सड़कों पर उतर आए। प्रदेश उपाध्यक्ष विनय कुमार, मंडल अध्यक्ष सरदार मनमोहन सिंह और जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में किसान घंटाघर पर बीच चौराहे में बैठ गए। वहां से दीवानी कचहरी पहुंचने पर किसान फिर से सड़क के बीच बैठ गए। यहां पुलिस ने समझा बुझाकर उन्हें आगे चलने के लिए तैयार किया। कलक्ट्रेट तिराहे पर पहुंच कर किसानों ने फिर से सड़क को आसन बना लिया ।

प्रतिनिधिमंडल ने किसानों के उत्पीड़न सहित अन्य मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। गंगोह ब्लाक अध्यक्ष रामवीर सिंह, चौधरी अशोक कुमार मौजूद रहे।

प्रशासन ने मजबूर होकर खोला कलक्ट्रेट का गेटJul

प्रशासन ने मजबूर होकर खोला कलक्ट्रेट का गेटJul 22, 12:52 amबताएं


Twitter Delicious Facebook बिजनौर : किसानों की भीड़ के सामने बुधवार को प्रशासनिक अफसर बेबस नजर आए। आनन-फानन में ग्यारह किसानों को कलक्ट्रेट में घुसने की अनुमति दी गई, किंतु करीब 25 किसानों ने एडीएम से मुलाकात कर अपनी बात कही।



भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह, धीर सिंह बालियान, ठाकुर गजेंद्र सिंह, लुध्यिान सिंह, मूला सिंह, ओमपाल सिंह की अगुवाई में बुधवार को सुबह ग्यारह बजे चक्कर चौराहे पर एकत्र हुए। यहां से जुलूस के रूप में ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार किसान शास्त्री चौक, सिविल लाइन, मुख्य डाकघर होते हुए कलक्ट्रेट के बाहर पहुंचे, किंतु प्रशासनिक अफसरों के इशारे पर सुरक्षाकर्मियों ने कलक्ट्रेट गेट बंद कर दिया। यहां किसानों की एसडीएम सदर एसबी सिंह से नोक झोंक भी हुई। प्रशासन के इस तुगलकी फरमान से खफा किसानों ने ऐलान कर दिया कि यदि पांच मिनट में गेट नहीं खुला तो गेट तोड़ दिया जाएगा। स्थिति को देख बैकफुट पर आए प्रशासनिक अफसरों ने 11 किसानों को ज्ञापन देने के लिए यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह को राजी कर लिया। कलक्ट्रेट का गेट खुलते ही करीब 25 वरिष्ठ किसान नेता एडीएम (प्रशासन) के कक्ष में ज्ञापन देने पहुंच गए। एडीएम को दिए ज्ञापन में पेट्रोलियम पदार्थो की बढ़ी कीमतें वापस लेने, 20 घंटे बिजली दिलाने, स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराने, चीनी मिलों की बिक्री पर रोक लगाए जाने समेत 20 सूत्रीय समस्याओं के निदान की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में बिजेंद्र सिंह, डालचंद, लक्ष्मीनारायण, पूर्व जिलाध्यक्ष मोहम्मद आसिफ खां, महावीर सिंह, धूम सिंह, चक्रधर शर्मा, बाबूराम तोमर, जितेंद्र पहलवान, मंगल सिंह फौजी, गिरिशचंद शर्मा समेत अनेक किसान मौजूद थे।