प्रेस विज्ञप्ति
डी एन. डी टोल ब्रिज, नोएडा, पूर्व शीर्ष आईएएस
अफसरों व आर्थिक अपराधियों की लूट का अड्डा है----चौधरी राकेश टिकैत
भारतीय किसान
यूनियन ने कल डी.एन.डी. टोल पर वसूली का कार्य बंद कराकर टोल पर अनिश्चित कालीन
धरना शुरू कर दिया था जो आज भी बारिश के समय भी जारी है भारतीय किसान यूनियन
का आरोप है कि दिल्ली को नोयडा से जोड़ने
वाला प्रसिद्ध डी एन डी टोल ब्रिज दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पूर्व वरिष्ठ आई ए एस.
अधिकारियों व देश के आर्थिक अपराधियों की सुनियोजित व साँझी लूट का खेल है जिसमें
सेकड़ो वर्षो तक यह गठबंधन प्रतिदिन करोड़ों रुपये जनता से टोल के नाम पर लूटते रहेगे।
लूट के इस खेल में उ.प्र. व दिल्ली की सत्तारूढ़ राज्य सरकारों की भी मौन सहमति व
हिस्सेदारी है जिस कारण अगले सैकड़ों वर्षोँ तक इस कम्पनी को टोल वसूलने के
गैरकानूनी अधिकार दिये गये हैं। इस पुल पर विज्ञापनों के माध्यम से भी करोड़ों
रुपये सालाना वसूल किये जा रहे है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता
चौ. राकेश टिकैत ने आज धरने पर उपस्थित नागरिको को संबोधित करते हुए कहा कि टोल
ब्रिज नोएडा की ग्रुप की कंपनियों में शीर्ष अधिकारियों में उ.प्र. व दिल्ली के 32 आई ए.एस अधिकारी विभिन्न पदों
पर प्रतिनियुक्ति काम कर चुके हैं जबकि यह एक पब्लिक लिमिटेड कम्पनी है और सिविल
सेवा के नियम सं. 6।। के अनुसार विशेष स्थिति में ही
भारत सरकार अनुमति के बाद यह संभव है। इन अधिकारियो के विरूद्ध सरकारी सेवा
नियामावाली का पालन न करने के मुक़दमे दर्ज किये जाये।
इस घोटाले में शामिल आईएएस अधिकारीयो के बारे
में भी जानना आवश्यक है -
1. गोपी अरोड़ा - 1957 बैच का आई ए एस. अफसर रहे है नोएडा टोल ब्रिज कारपोरेशन लिमिटेड के पहले चैयरमेन
बने एवं बोफोर्स केस में आरोपी व जे.पी ग्रुप में पूर्व निदेशक।
2. प्रदीप पुरी - 1978 बैच का उत्तराखंड कैडर का आइएएस व गोपी अरोरा का रिश्तेदार, कंपनी नोएडा टोल ब्रिज कारपोरेशन लिमिटेड के बनते ही सिविल सेवा से
त्यागपत्र देकर इसका सीईओ बन गया।
3. आर के भार्गव -
यूपी का पूर्व मुख्य सचिव व 1997 से कंपनी का
चैयरमैन। करोडों रुपये सालाना वेतन, उम्र 81 वर्ष।
4. पीयूष मनकड़
- 1964 बैच को भारत का पूर्व वित्त सचिव, वर्तमान में कपनी का निदेशक।
5. सनत कौल - 1971 बैच का आई ए एस, दिल्ली सरकार में सचिव रद्द व
समझौते में दिल्ली सरकार की तरफ से हस्ताक्षर अब कई कंपनी का निदेशक।
6. रवि माथुर - 1970 बेच का यूपी केडर का आई ए एस समझौते के समय नोएडा औथौरटी के मुख्य
कार्यपालक अधिकारी थे,कई विवादास्पद निर्णयों व घोटालों में शामिल।
7. प्रभात कुमार -
पूर्व कैबिनेट सचिव व राज्यपाल झारखंड विवादास्पद व अपराधियों का संरक्षक, नोयडा के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि माथुर को अनेक स्तरों पर
सहयोग व फायदा उठाया।
IL & FS प्रमोटर
श्री पेहरवानी को हर्षद मेहता शेयर बाजार घोटाले में सीबाआई ने गिफ्तार किया था
तथा सीबीआई की कस्टडी में ही उनकी मौत हो गयी थीं। इस कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस महिन्द्रा टावर, चौथा तल , डॉ. भौंसले मार्ग वर्ली,मुंबई में है।
भारतीय किसान
यूनियन उ.प्र. सरकार का निम्न मांग करती है--
1. कंपनी के दिल्ली
व उ.प्र. सरकारों से समझौते की प्रति कंपनी एवं नोएडा अथारिटी की बेवसाईट पर
उपलब्ध नहीं है जो कानून के विरुद्ध है। इसे वेबसाईट पर उपलब्ध कराया जाये।
2.जनता की सुविधा
के लिए पी.पी.पी मोडल के तहत गठित यह कंपनी(एनटीबीसीएल) न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड एक मात्र भारतीय टोल
कंपनी है जिसके बैंक एकाउंट में 31 मार्च2014 को 2411 करोड़ रुपये सरप्लस हैं और जो अपने एम डी व ईडी को बीस करोड़ सालाना वेतन
देती हैं। जिसकी जाँच आर्थिक अपराध शाखा से कराई जाये।
3. कंपनी द्वारा
नियमों में चालबाजी कर ‘कन्सेशनल
एग्रीमेंट’ के तहत लागत की वसूली तक टोल वसूलने का
अधिकार है। इस अधिकार में एक अवैध नियम यह डाला गया कि यदि निर्माण में आने वाली
लागत का 20प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लाभांश नहीं
मिलता तो कंपनी इसे अपनी मूल लागत में जोड़ती जायेगी। इस नियम से कंपनी का नोयडा
प्राधिकरण पर 2954 करोड़ रुपये बकाया हो गया है।
कंपनी का दावा है कि पुल की लागत 408 करोड़ रुपये
व 31 मार्च2014 तक कुल
वसूली 690 करोड़ रुपये और बकाया 2950 करोड़ है और यह रकम नोयडा प्राधिकरण के अनुसार 2032 में 53352 करोड़ रुपये तक हो जायेगी और
एसे में टोल वसूली अनन्त काल तक चलती रहेगी। इस नियम को अविलम्ब समाप्त जाये।
4. IL & FS कम्पनी जो प्रोजेक्ट
की प्रायोजक थी वहीं नोएडा टोल ब्रिज कारपोरेशन लिमिटेड की प्रमोटर बनायी गयी और अवैध
रूप से उसका सारा निर्णय प्रक्रिया पर आधिकार है इसी कारण वह मनमाना टोल वसूलता है
और मनमानी दरों पर विज्ञापन का किराया भी वसूल किया जाता है। नोएडा टोल की सारी
निर्णय प्रक्रिया का प्रभार नोएडा ओथौरिटी को दिया जाये।
5. कम्पनी
द्वारा बताई गयी निर्माण लागत मूल लागत से कई गुना बताई गयी। वसूला गया टोल कई
गुना तक छुपाया गया है यहां तक कि पुल से गुजरने वाले ट्रैफिक के आंकड़ों में भी
बड़ी हेर-फेर की गई है। कम्पनी का आडिट भी कंम्पनी एक्ट के प्रावधानों के विरुद्ध
किया गया है व अनेक मदों में बढ़ा-चढ़ाकर खर्च दिखलाये गये हैं। इसकी जाँच भारत के
महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक (कैग) द्वारा कराई जाये।
6. कम्पनियों को
मिले गैर कानूनी संरक्षण व इसमें सिविल सेवा अधिकारियों की भागीदारी,खातों में हेरफेर, आय छिपाने व पुल प्रयोग करने वाले वाहनों की संख्या छुपाने, विभिन्न करों की चोरी, अवैध लूट आदि की सीबीआइ, सीएजी, सीबीडीटी, काॅम्पटिशन
कमीशन द्वारा संयुक्त जाँच करायी जाये तथा दोषियों को दण्ड दिया जाये साथ ही अवैध
रूप से वसूले धन को वापस सरकारी कोष में जमा किया जाये।
7. नोएडा डी.
एन. डी. टोल वसूली तुरंत बंद की जाये ।
इस सम्बन्ध में योजना
आयोग की आधो संरचना समिति ने भी अगस्त 2007 में कहा था कि इस पुल के लिए किया गया समझौता कानून व जनता के विरुद्ध है
तदापि लूट जारी है। आश्चर्य जनक रूप से इस कंपनी ने इतनी ही लागत में 15 साल बाद स्पेन में चार गुना बड़ा और भारत में आठ गुना बढ़ा टोल
ब्रिज बना दिया। स्पष्ट है कि डी.एनडी पुल की निर्माण लागत को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया
गया।
उ.प्र. के मुख्य
सचिव ने पूर्व में समझौतों में संशोधन के आदेश दिये थे जिस पर कोई कार्यवाही अमल
में नहीं लायी गई है।
भारतीय किसान
यूनियन के धरने पर नोएडा के अपर जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर व पुलिस अधीक्षक दिनेश
यादव ने भाकियू प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत सहित धरनारत सभी लोगो से वार्ता की और
कहा कि उपरोक्त मुद्दों पर उत्तर प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इस
सम्बन्ध में आप लोगो से मुख्यसचिव की अध्यक्षता में 15 जौलाई को नोएडा व ग्रेटर
नोएडा औथोर्टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर सभी संयुक्त
रूप से आपसे वार्ता कर समस्या का समाधान करना चाहते है। जिस पर भाकियू समिति ने
कहा कि प्रशासन के आश्वासन पर हम धरना समाप्त कर रहे है। लेकिन अगर 15 जौलाई को
समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो भारतीय किसान यूनियन पुनः डी. एन. डी. को टोल फ्री कर देगी।
आज के धरने में भाकियू
प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत(राष्ट्रीय प्रवक्ता), राजपाल शर्मा (राष्ट्रीय महासचिव),
अजयपाल शर्मा(जिलाध्यक्ष नोएडा), विजय तालान(प्रदेश महासचिव),विभोर
शर्मा(नगराध्यक्ष नोएडा), नरेश पंडित, सुभाष चौधरी, विमल चौधरी, अक्षय राणा,
अजयपाल आर्य सहित सैकड़ो नागरिक उपस्थित रहे।
भवदीय
धर्मेन्द्र मालिक
(मीडिया प्रभारी भाकियू)
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