Tuesday, February 22, 2011

भड़के किसानों ने जीटी रोड जाम किया

 


Twitter Delicious Facebook सिकंदराराऊ : भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत में पूरे दिन किसी भी अधिकारी के ज्ञापन लेने न पहुंचने से गुस्साये किसानों ने खण्ड विकास कार्यालय के सामने जीटी रोड पर जाम लगा दिया। इससे हड़कंप मच गया और आनन-फानन पहुंची पुलिस के समझाने बुझाने पर घंटेभर बाद जाम खोला गया। तब तक सैकड़ों वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और बसों में बैठे यात्री बिलबिलाते रहे।



मंगलवार को खण्ड विकास कार्यालय परिसर में पूरे दिन किसानों की महा पंचायत चलती रही, जिसमें जनपद एवं मंडल के किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं हजारों किसानों ने भाग लिया। राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश सिंह टिकैत ने बार-बार माइक पर घोषणा की कि कोई भी अधिकारी किसानों की समस्या का ज्ञापन ले ले, लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी किसानों का ज्ञापन लेने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। इससे गुस्साए हजारों किसान खण्ड विकास कार्यालय के सामने जीटी रोड पर पहुंच गए और फर्श बिछाकर जाम लगा दिया। जीटी रोड के जाम होते ही वाहनों की लम्बी कतारें दोनों तरफ लग गईं। इस बीच पुलिस को पता चला कि किसान यूनियन ने जीटी रोड जाम कर दिया है तो उपनिरीक्षक अजीत सिंह पुलिस बल के साथ जाम स्थल पर आये। उन्होंने किसान यूनियन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को समझा बुझाकर जाम खुलवाया। तब तक एक घंटा गुजर चुका था और जाम फंसे लोग बिलबिला उठे थे। जाम खुलने के बाद भी यातायात व्यवस्थित होने में कई घंटे लग गए।



नौ मार्च से दिल्ली में घेराव : टिकैत



चार वर्ष से केन्द्र सरकार को नहीं हैं किसानों से मिलने की फुर्सत



खण्ड विकास कार्यालय में किसानों की महा पंचायत सम्पन्न



संवाददाता, सिकंदराराऊ : चार वर्ष से केन्द्र सरकार के पास इतना समय भी नहीं है कि वह पीड़ित किसानों की बात सुन सके। सरकार अपनी मर्जी से किसानों की जमीनें अधिग्रहण कर रही है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 1894 के भूमि अधिग्रहण एक्ट में जब तक संशोधन नहीं हो जाता, किसान लड़ाई जारी रखेंगे। नौ मार्च से राजधानी दिल्ली का अनिश्चित कालीन घेराव किया जाएगा।



ये बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत के पुत्र राकेश टिकैत ने खण्ड विकास कार्यालय में बुलाई पत्रकार वार्ता में कही। श्री टिकैत ने कहा कि पूरे हिंदुस्तान का किसान नौ मार्च से पूरी दिल्ली का घेराव करेगा। तब तक दिल्ली नहीं छोड़ी जायेगी, जब तक कि किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं। अक्टूबर 2007 में किसानों की मुलाकात प्रधानमंत्री से हुई थी, उसके बाद चार वर्ष बीत गए, किसानों के बार बार आग्रह के बाद भी किसानों की बातें नहीं सुनी जा रही हैं।



उन्होंने कहा कि वर्ष 1894 के भूमि अधिग्रहण एक्ट में यह प्रावधान है कि किसानों की भूमि अधिग्रहण सरकार अपनी मर्जी से करेगी। इस एक्ट में भारतीय किसान यूनियन संशोधन चाहती है। किसानों की मर्जी से किसानों की भूमि अधिग्रहण की जाए तथा 33 वर्ष तक उस जमीन में किसानों की साझेदारी बनी रहे। इससे पूर्व राकेश टिकैत ने किसानों की महापंचायत को भी सम्बोधित किया, जिसमें यही बातें सिलसिलेवार कही गईं।

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