नौ मार्च से दिल्ली में घेराव : टिकैत
चार वर्ष से केन्द्र सरकार को नहीं हैं किसानों से मिलने की फुर्सत
खण्ड विकास कार्यालय में किसानों की महा पंचायत सम्पन्न
संवाददाता, सिकंदराराऊ : चार वर्ष से केन्द्र सरकार के पास इतना समय भी नहीं है कि वह पीड़ित किसानों की बात सुन सके। सरकार अपनी मर्जी से किसानों की जमीनें अधिग्रहण कर रही है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 1894 के भूमि अधिग्रहण एक्ट में जब तक संशोधन नहीं हो जाता, किसान लड़ाई जारी रखेंगे। नौ मार्च से राजधानी दिल्ली का अनिश्चित कालीन घेराव किया जाएगा।
ये बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत के पुत्र राकेश टिकैत ने खण्ड विकास कार्यालय में बुलाई पत्रकार वार्ता में कही। श्री टिकैत ने कहा कि पूरे हिंदुस्तान का किसान नौ मार्च से पूरी दिल्ली का घेराव करेगा। तब तक दिल्ली नहीं छोड़ी जायेगी, जब तक कि किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं। अक्टूबर 2007 में किसानों की मुलाकात प्रधानमंत्री से हुई थी, उसके बाद चार वर्ष बीत गए, किसानों के बार बार आग्रह के बाद भी किसानों की बातें नहीं सुनी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1894 के भूमि अधिग्रहण एक्ट में यह प्रावधान है कि किसानों की भूमि अधिग्रहण सरकार अपनी मर्जी से करेगी। इस एक्ट में भारतीय किसान यूनियन संशोधन चाहती है। किसानों की मर्जी से किसानों की भूमि अधिग्रहण की जाए तथा 33 वर्ष तक उस जमीन में किसानों की साझेदारी बनी रहे। इससे पूर्व राकेश टिकैत ने किसानों की महापंचायत को भी सम्बोधित किया, जिसमें यही बातें सिलसिलेवार कही गईं।
चार वर्ष से केन्द्र सरकार को नहीं हैं किसानों से मिलने की फुर्सत
खण्ड विकास कार्यालय में किसानों की महा पंचायत सम्पन्न
संवाददाता, सिकंदराराऊ : चार वर्ष से केन्द्र सरकार के पास इतना समय भी नहीं है कि वह पीड़ित किसानों की बात सुन सके। सरकार अपनी मर्जी से किसानों की जमीनें अधिग्रहण कर रही है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 1894 के भूमि अधिग्रहण एक्ट में जब तक संशोधन नहीं हो जाता, किसान लड़ाई जारी रखेंगे। नौ मार्च से राजधानी दिल्ली का अनिश्चित कालीन घेराव किया जाएगा।
ये बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत के पुत्र राकेश टिकैत ने खण्ड विकास कार्यालय में बुलाई पत्रकार वार्ता में कही। श्री टिकैत ने कहा कि पूरे हिंदुस्तान का किसान नौ मार्च से पूरी दिल्ली का घेराव करेगा। तब तक दिल्ली नहीं छोड़ी जायेगी, जब तक कि किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं। अक्टूबर 2007 में किसानों की मुलाकात प्रधानमंत्री से हुई थी, उसके बाद चार वर्ष बीत गए, किसानों के बार बार आग्रह के बाद भी किसानों की बातें नहीं सुनी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1894 के भूमि अधिग्रहण एक्ट में यह प्रावधान है कि किसानों की भूमि अधिग्रहण सरकार अपनी मर्जी से करेगी। इस एक्ट में भारतीय किसान यूनियन संशोधन चाहती है। किसानों की मर्जी से किसानों की भूमि अधिग्रहण की जाए तथा 33 वर्ष तक उस जमीन में किसानों की साझेदारी बनी रहे। इससे पूर्व राकेश टिकैत ने किसानों की महापंचायत को भी सम्बोधित किया, जिसमें यही बातें सिलसिलेवार कही गईं।
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