भाजपा अध्यक्ष का
आश्वासन – सत्ता में आने पर किसानों को सुनिश्चित आय
मार्च
२०, नई
दिल्ली : संसद मार्ग पर आज तीसरे दिन भी भारतीय किसान यूनियन, कर्णाटक
राज्य रैयत संघ, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की अगुआई में किसान खेत मजदूर महापंचायत
जारी रहा | किसानों की टुकडिया आज दिन भर दिल्ली के आस पास के प्रदेश से भी आई | हजारों की
संख्या में बैठे किसानों ने अपनी पांच सूत्री मांग को जारी रखते हुए आज विभिन्न
राजनैतिक पार्टी के प्रतिनिधिओं को आमंत्रित किया |
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने किसानों को संबोधित करते
हुए कहा की उन्हें देश में चल रहे भूमि अधिग्रहण और किसानों की स्थिति मालूम है | उनकी पार्टी
अगर सत्ता में आती है तो किसानों को सुनिश्चित आय तय करेगी, ताकि किसान
भूखा ना रहे | किसान आंदोलन ने देश के अन्य आंदोलनों के साथ हाथ मिला कर एक ऐतिहासिक कदम
बढ़ाया है और यह तय किया है की किसी भी तरह की भूमि अधिग्रहण का विरोध करेंगे | सरकार का कोई
हक़ नहीं की वह किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण को कर के कंपनियों को निजी मुनाफे के
लिए दे | आज कृषि क्षेत्र में गंभीर संकट है और किसान आत्महत्या को मजबूर है इसलिए यह
जरूरी है की उन्हें भी एक आय की गारंटी हो,
जैसे की हर सरकारी कामगार को है | क्यों, पूरे देश को
खाना खिलने वाला किसान भूखा रहे ? यह मांग करते हुए भारतीय किसान यूनियन के साथी बैठे है धरने पर | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, हरयाणा, दिल्ली और
अन्य प्रदेश के किसान लगातार यही मांग लगा रहे हैं |
कम्युनिस्ट पार्टी के लोक सभा के सांसद बासुदेब
आचारिया ने धरने का समर्थन करते हुए कहा की किसानों की मांग जायज है | आज पुराने
अनुभवों के कारण, किसान किसी भी कीमत पर अपनी ज़मीन नहीं देना चाहता है | सरकार नए
कानून में निजी कंपनियों के लिए ज़मीन नहीं ले,
खेती की ज़मीन ना ले और सिर्फ एक कानून हो जो किसी भी
तरह के भू अधिग्रहण में लागू हो, आज के कानून में ९०% ज़मीन अधिग्रहणों पर यह कानून लागू नहीं होगा,
फिर उसी साम्राज्यवादी व्यवस्था को बनाये रखने का क्या
मतलब | आज सरकार बेतहाशा ज़मीन अधिग्रहण कर रही है,
जिससे देश की खाद्य सुरक्षा को खतरा हो गया है | विदेशी निवेश
के नाम पर वालमार्ट, मोंसंतो जैसे कंपनियों को देश में ला रही है जो की कृषि को अत्यंत ही महँगा
लेकिन घाटे का सौदा बना रही है और किसान और गरीब और गरीब होता जा रहा है | आज किसानों
को MSP ही नहीं बल्कि एक लाभकारी मूल्य चहिये |
कृषि का अलग बज़ट होना चहिये | सरकार की
नीति को बदलना होगा तभी जाके माहौल बदलेगा और हमारी लड़ाई वैसे ही होना होगा |
राकेश टिकैत ने कहा की पुराना भूमि अधिग्रहण कानून
रद्द होना ही चाहिए लेकिन नए कानून से किसानों को न्याय मिले तभी तो कोई बात होगी, नहीं तो लाखो
एकड़ ज़मीन किसानों के हाथ से रोज छीनती जा रही है |
हमें यह बिलकुल मंज़ूर नहीं है | नया कानून
विस्थापन को आगे बढ़ाएगा और उन्हें न्याय नहीं मिलेगा |
सरकार संसदीय समिति की मुख्य सुझावों को नहीं मान रही
है और झूठा अफवाह फैला रही है की हमने बहुत सुझाव मान लिया है | यह गलत है | समिति ने
खुले तौर पर कहा है की सरकार निजी कंपनियों के हितों के लिए दलाली का काम नहीं कर सकती
|
युधवीर सिंह ने कहा की हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा
जब तक सरकार हमारी मांगे ना माने | यह किसानों की इज्जत और सम्मान से सर उठा कर जीने की है |
दिन में अन्य पार्टी के नेताओं ने आकार धरने का समर्थन
दिया और कहा की हम संसद में यह बात उठाएंगे और किसानों को न्याय मिलेगा | आज सभी दलों
की बैठक भूमि अधिग्रहण कानून पर नहीं हो पाई क्योंकि दलों मके एक सहमति नहीं हो पा
रही है |
किसान महापंचायत के तीसरे दिन सरकार के निमन्त्रण पर पंचायत के 19 सदसीय पर्तिनिधिमंडल ने मंत्री समूह से मिलकर ग्रामीण लोगो की आजीविका को बचाने की मांग की ,मंत्री समूह में शरद पंवार कृषि मंत्री , जयराम रमेश ग्रामीण विकास ,के .वी .थामस (खाद्य एवम उपभोक्ता मामले )श्रीकांत जैना ,डी .पुरंदरेश्वरी ,नमोनारायण मीणा (वित्त )सहित मंत्रालय के वरिष्ट अदिकारी भी मौजूद रहे ...
वार्ता 6बजे शाम से 8:30 तक कृषि भवन में हुयी ,वार्ता में सभी मुद्दों पर अलग-अलग समिति बनाने तथा समिति का सवरूप तय करने हेतु कल फिर 12 बजे वार्ता का समय तय किया गया ...वार्ता में राकेश टिकैत,युधवीर सिंह ,अजमेर सिंह लखोवाल ,जगदीश सिंह ,सुखदेव सिंह गिल ,चुक्की स्वामी ,नल गोंदर,मदुरेश ,कविता ,धर्मेन्द्र मलिक ,राजपाल शर्मा आदि उपस्थित रहे ...
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : धर्मेन्द्र : ९२१९६९ ११६८
मधुरेश मधुरेश : ९८१८९०५३१६
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