Tuesday, March 19, 2013

PRESS RELEASE
जल-जंगल-बीज-जमीन हो किसानों के अधीन: महापंचायत के अंतर्गत लाखो की संख्या में देश के किसान अपनी मांगो के साथ संसद मार्ग पर दूसरे दिन भी जमे हैं.
नयी दिल्ली, मार्च 19, 2013: किसान महापंचायत के दूसरे दिन भी आज संसद मार्ग पार लाखों की संख्या में देश के किसान अपनी मांगो के साथ डटे हुए हैं. साथ हीं साथ महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि जब तक सरकार किसानों की मांगो को पूरी तरह से मान्य नहीं करती तब तक किसान यहाँ से नहीं उठेंगे.
विदित हो कि भारतीय किसान आन्दोलन समन्वयक समिति के तत्वाधान में भारतीय किसान यूनियन, कर्नाटक राज्य रायतु संघ, एन ए पी एम, राष्ट्रीय किसान स्वराज आशा गठबन्धन के साथ साथ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाड, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं केरल के किसान लाखों की संख्या में कल दिनांक 18.03.2013 को स्थानीय संसद मार्ग पार आयोजित किसान महापंचायत में अपनी मांगो के शामिल हुए. कल मुख्यतः भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत, राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, मेधा पाटेकर, कविता कुरुगंती, स्वामी अग्निवेश, युधवीर सिंह, अजमेर सिंह लोखोवाल, चुक्की नन्जुन्दस्वामी, चेल्लुमुथू, पंकज भूषण के साथ साथ कई किसान नेताओं ने महापंचायत को संबोधित किया. और कल शाम तक सरकार ने जब सुध नहीं ली तब यह महापंचायत विशाल धरने में परिवर्तित हो गया, जिस कारण लगभग एक लाख किसान सारी रात संसद मार्ग पार सोए रहे.
चौधरी राकेश टिकैत के आह्वान पार आज पुनः लाखों की संख्या में किसान अपने अपने गाँवों से इस् धरने में शामिल होने चल पड़े है ताकि सरकार तक किसानों की मांगों को पहुंचाई जा सके और सरकार अन्न दाताओं की बात मान सके.
किसान नेता युधवीर सिंह ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों को समाप्त होना चाहिए और खाशकर भूमि अधिग्रहण बिल में संसोधन, किसानों की आय की सुरक्षा, किसानों को उत्पादन का लाभकारी मूल्य आदि पार केंद्र सरकार को अविलम्ब सुनवाई करते हुए हल नोकालना चाहिए.
राष्ट्रीय अद्ध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हम किसान अन्न दाता हैं और पूरे राष्ट्र को खिलते हैं पार सरकार हमारी मांगो को बार बार अनदेखी कर रही है. अब हम अपनी मांगो को पूरी करवाए बगैर यहाँ से नहीं हटेंगे.
राष्ट्रीय किसान स्वराज आशा गठबन्धन के राष्ट्रीय सह संयोजक पंकज भूषण ने कहा कि सरकार तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के इशारे पार चल रही और उसे इन अन्न दाताओं को सुनने की फुर्सत कहाँ है. साथ ही उन्होंने ने आहवान किया कि सरकार अविलम्ब किसानों की बात मने और संसदीय कृषि समिति के परिवेदन पार अमल करते हुए देश भर में जी एम बीजों का प्रचार प्रसार बंद कर दे.
किसानों की मुख्य मांगे हैं:
  1. किसानों के आय की सुरक्षा.
  2. भूमि अधिग्रहण बिल में आवश्यक संशोधन.
  3. खुला व्यापार समझौता रद्द हो.
  4. देश में जी एम बीजों का परीक्षण बंद हो. परंपरागत खेती, जैविक खेती पार बाल दिया जाये.
  5. किसान आय आयोग बनाये जाएँ आदि.

किसानों को स्वामी अग्निवेश, चुक्की, कन्नयन एवं कविता कुरुगंती ने भी संबोधित किया.
किसानों का कहना यह ही है की दो वर्ष पहले सरकार ने कई वादे हमसे किया लेकिन अद्द्यतन वो पूरे नहीं हुए. इस् बार हम बिना प्रधान मंत्री से मिले नहीं हटेंगे चाहे जो हो जाये. क्योंकि सरकार गूंगी और बहरी भी है. जल्द यदि सरकार नहीं सुनेगी तब हमारे ट्रेक्टर गांव से चलकर दिल्ली को जाम करेंगे और तब हीं सरकार के कानों तक बात जा पाए. धरने में हजारों की संख्या में महिलाओं ने भी शिरकत किया हुआ है.
धरने की अध्यक्षता अजमेर सिंह गिल ने की. अन्य वक्ताओं में मुख्यतः अजमेर सिंह लाखोवाल, गुरुनाम सिंह, बलराम लम्बरदार, दीवान चंद्र चौधरी, जगदीश सिंह, शैला मुथु, विजय वर्गी आदि ने की.

For more information, contact: Dharmendar Kumar: 9219691168; Kannaiyan: 9444989543; Ashlesha: 9900200771.

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