किसान आंदोलन प्रधानमंत्री के आश्वासन से टला
मुजफ्फरनगर। भूमि अधिग्रहण कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन का 9 मार्च को प्रस्तावित दिल्ली घेरो आंदोलन मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ डेढ़ घंटे तक चली वार्ता के बाद टल गया है। भाकियू महासचिव राकेश टिकैत के अनुसार विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए मंत्रियों की समिति गठित करने के आश्वासन और खेती किसानी के मुद्दों पर सहमति बनने के बाद आंदोलन स्थगित किया है।
भूमि अधिग्रहण समेत अन्य मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने आंदोलन की तैयारियां जोर-शोर से की थी। प्रस्तावित आंदोलन रोकने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री शरद पवार ने भाकियू प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत और सह प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रियों की एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है।
इसी मुद्दे पर संसद सत्र के बाद दोनों पक्षों के बीच एक बार फिर से वार्ता होगी।
वार्ता में शामिल नहीं हुए भाकियू सुप्रीमो
मुजफ्फरनगर। भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे पीएम के साथ वार्ता में शामिल नहीं हुए। वार्ता पूरी होने के बाद भाकियू प्रतिनिधिमंडल ने फोन पर उन्हें सभी बिंदुओं से अवगत कराया।
मुजफ्फरनगर। भूमि अधिग्रहण कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन का 9 मार्च को प्रस्तावित दिल्ली घेरो आंदोलन मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ डेढ़ घंटे तक चली वार्ता के बाद टल गया है। भाकियू महासचिव राकेश टिकैत के अनुसार विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए मंत्रियों की समिति गठित करने के आश्वासन और खेती किसानी के मुद्दों पर सहमति बनने के बाद आंदोलन स्थगित किया है।
भूमि अधिग्रहण समेत अन्य मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने आंदोलन की तैयारियां जोर-शोर से की थी। प्रस्तावित आंदोलन रोकने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री शरद पवार ने भाकियू प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत और सह प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रियों की एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है।
इसी मुद्दे पर संसद सत्र के बाद दोनों पक्षों के बीच एक बार फिर से वार्ता होगी।
वार्ता में शामिल नहीं हुए भाकियू सुप्रीमो
मुजफ्फरनगर। भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे पीएम के साथ वार्ता में शामिल नहीं हुए। वार्ता पूरी होने के बाद भाकियू प्रतिनिधिमंडल ने फोन पर उन्हें सभी बिंदुओं से अवगत कराया।
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