साहब, गन्ने का बकाया पैसा दिला दो
• अमर उजाला ब्यूरो
मुजफ्फरनगर। साहब, गन्ने का बकाया, बिजली और बिजली का सामान दिला दो, सबसे बड़ी समस्या इन्हीं की है। किसान चक्कर पर चक्कर लगा रहा है, न तो बिजली मिल रही है और न ही सामान मिल रहा है।
मात्र 50 लोगों के बैठने की जगह वाले सभागार में दो सौ से अधिक किसानों के अंदर पहुंच जाने से व्यवस्था संभालना मुश्किल हो गया। जैसे ही जिलाधिकारी पंकज कुमार एवं एसएसपी प्रवीण कुमार ने शिकायतें सुननी शुरू कीं, तो शिकायतों का अंबार लग गया। किसान यूनियन ने अवशेष गन्ने का भुगतान की मांग उठाई। इसके अलावा वर्ष 2006-7-8 के ब्याज का भुगतान, पेकिंग चार्ज और झुलाई किसानों से वसूलने पर नाराजगी जताई। जिलाधिकरी ने प्रस्ताव शासन को भेजने का आश्वासन दिया। किसानों ने भूमि अधिग्रहण का मामला उठाया और बिल्डर को भूमि दिए जाने का विरोध किया।
जिलाधिकारी ने उन्हें इस प्रकार के मामले में सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया। औद्योगिक इकाइयों द्वारा नदियों और आसपास के प्रदूषित पानी को शुद्ध कराने की व्यवस्था कराने की मांग की। मनरेगा के लिए मजदूर कम उपलब्ध होने की समस्या से निपटने के लिए मनरेगा में खेती को शामिल करने की मांग की गई। किसानों ने पेयजल की समस्या भी उठाई।
किसानों ने बिजली और बिजली का सामान न मिलने, सामान देने में अवैध वसूली करने का आरोप लगाया। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी निगरानी रखने के अधिकारियों को निर्देश दिए। एक दिन में ही पूरा सामान दिए जाने और वरीयता सूची के अनुसार सामान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उपलब्ध उपकरणों की सूची चस्पा करने के भी निर्देश दिए। किसानों ने चकबंदी बंद कराए जाने की मांग की।
जिलाधिकारी ने किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में बैंकों से आख्या मांगी। उन्होंने फुगाना में सरकारी नलकूप लगाने वाले ठेकेदार की जांच कराने, झिंझाना में नलकूप की गहराई, ग्राम सोरम में तालाबों से अतिक्रमण हटाकर खुदाई कराने, महमूदपुर निवासी सोनिया को एसबीआई बैंक द्वारा नोटिस जाने की जांच के निर्देश दिए। बैठक में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
किसान दिवस में उमड़ी किसानों की भीड़
किसान दिवस में रखी गई प्रमुख समस्याएं
• ग्रामीण क्षेत्र में बिजली नहीं मिल रही
• बिजली का सामान देने में अनियमितता, पैसे की मांग
• भूमि अधिग्रहण में सही प्रक्रिया नहीं की जा रही
• नंगली की भूमि ले ली और उनका ही रास्ता बंद कर दिया
• गन्ने का बकाया भुगतान नहीं मिल रहा
•
चकबंदी में अवैध धन की डिमांड की जा रही है शुगर मिलों में किसान का कटने वाला पैसा विकास कार्य में नहीं लगाया जा रहा
भूमि अधिग्रहण के लिए सीधे किसानों से वार्ता की जाए, ठेकेदारों को न दी जाए
• किसानों को बीज एवं खाद समय पर न मिलना
• बेगराजपुर बिलीघर से पुराना शेड्यूल बदलने पर नाराजगी
•किसान दिवस पर पहुंची 102 शिकायतें
•बिजली-पानी की समस्याएं अधिक
•आनलाइन होंगी शिकायतें
डीएम पंकज कुमार ने किसानों की सभी शिकायतों को आनलाइन करने का एवं एक सप्ताह में निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इन शिकायतों के निस्तारण की मानीटरिंग करेंगे।
पहले किसान दिवस में उमड़ी उम्मीद से अधिक भीड़
विकास भवन में आयोजित हुए पहले किसान दिवस में उम्मीद से अधिक किसान पहुंच गए। 102 किसानों ने तो रजिस्टर पर हस्ताक्षर ही किए, जबकि अधिकांश बिना हस्ताक्षर के ही पहुंचे। सभागार के अलावा पास के दोनों कमरों में पैर रखने को भी जगह नहीं थी, यहां तक कि किसान भारी संख्या में विकास सभागार से बाहर धूप में ही खड़े नजर आए। किसानों ने अगली बैठक कंपनी बाग अथवा अन्य खुले स्थान पर रखने की मांग की।
विकास भवन में किसान गोष्ठी में मौजूद किसान।
• अमर उजाला ब्यूरो
मुजफ्फरनगर। साहब, गन्ने का बकाया, बिजली और बिजली का सामान दिला दो, सबसे बड़ी समस्या इन्हीं की है। किसान चक्कर पर चक्कर लगा रहा है, न तो बिजली मिल रही है और न ही सामान मिल रहा है।
मात्र 50 लोगों के बैठने की जगह वाले सभागार में दो सौ से अधिक किसानों के अंदर पहुंच जाने से व्यवस्था संभालना मुश्किल हो गया। जैसे ही जिलाधिकारी पंकज कुमार एवं एसएसपी प्रवीण कुमार ने शिकायतें सुननी शुरू कीं, तो शिकायतों का अंबार लग गया। किसान यूनियन ने अवशेष गन्ने का भुगतान की मांग उठाई। इसके अलावा वर्ष 2006-7-8 के ब्याज का भुगतान, पेकिंग चार्ज और झुलाई किसानों से वसूलने पर नाराजगी जताई। जिलाधिकरी ने प्रस्ताव शासन को भेजने का आश्वासन दिया। किसानों ने भूमि अधिग्रहण का मामला उठाया और बिल्डर को भूमि दिए जाने का विरोध किया।
जिलाधिकारी ने उन्हें इस प्रकार के मामले में सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया। औद्योगिक इकाइयों द्वारा नदियों और आसपास के प्रदूषित पानी को शुद्ध कराने की व्यवस्था कराने की मांग की। मनरेगा के लिए मजदूर कम उपलब्ध होने की समस्या से निपटने के लिए मनरेगा में खेती को शामिल करने की मांग की गई। किसानों ने पेयजल की समस्या भी उठाई।
किसानों ने बिजली और बिजली का सामान न मिलने, सामान देने में अवैध वसूली करने का आरोप लगाया। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी निगरानी रखने के अधिकारियों को निर्देश दिए। एक दिन में ही पूरा सामान दिए जाने और वरीयता सूची के अनुसार सामान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उपलब्ध उपकरणों की सूची चस्पा करने के भी निर्देश दिए। किसानों ने चकबंदी बंद कराए जाने की मांग की।
जिलाधिकारी ने किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में बैंकों से आख्या मांगी। उन्होंने फुगाना में सरकारी नलकूप लगाने वाले ठेकेदार की जांच कराने, झिंझाना में नलकूप की गहराई, ग्राम सोरम में तालाबों से अतिक्रमण हटाकर खुदाई कराने, महमूदपुर निवासी सोनिया को एसबीआई बैंक द्वारा नोटिस जाने की जांच के निर्देश दिए। बैठक में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
किसान दिवस में उमड़ी किसानों की भीड़
किसान दिवस में रखी गई प्रमुख समस्याएं
• ग्रामीण क्षेत्र में बिजली नहीं मिल रही
• बिजली का सामान देने में अनियमितता, पैसे की मांग
• भूमि अधिग्रहण में सही प्रक्रिया नहीं की जा रही
• नंगली की भूमि ले ली और उनका ही रास्ता बंद कर दिया
• गन्ने का बकाया भुगतान नहीं मिल रहा
•
चकबंदी में अवैध धन की डिमांड की जा रही है शुगर मिलों में किसान का कटने वाला पैसा विकास कार्य में नहीं लगाया जा रहा
भूमि अधिग्रहण के लिए सीधे किसानों से वार्ता की जाए, ठेकेदारों को न दी जाए
• किसानों को बीज एवं खाद समय पर न मिलना
• बेगराजपुर बिलीघर से पुराना शेड्यूल बदलने पर नाराजगी
•किसान दिवस पर पहुंची 102 शिकायतें
•बिजली-पानी की समस्याएं अधिक
•आनलाइन होंगी शिकायतें
डीएम पंकज कुमार ने किसानों की सभी शिकायतों को आनलाइन करने का एवं एक सप्ताह में निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इन शिकायतों के निस्तारण की मानीटरिंग करेंगे।
पहले किसान दिवस में उमड़ी उम्मीद से अधिक भीड़
विकास भवन में आयोजित हुए पहले किसान दिवस में उम्मीद से अधिक किसान पहुंच गए। 102 किसानों ने तो रजिस्टर पर हस्ताक्षर ही किए, जबकि अधिकांश बिना हस्ताक्षर के ही पहुंचे। सभागार के अलावा पास के दोनों कमरों में पैर रखने को भी जगह नहीं थी, यहां तक कि किसान भारी संख्या में विकास सभागार से बाहर धूप में ही खड़े नजर आए। किसानों ने अगली बैठक कंपनी बाग अथवा अन्य खुले स्थान पर रखने की मांग की।
विकास भवन में किसान गोष्ठी में मौजूद किसान।