कलक्ट्रेट पर भाकियू का धरना
आश्वासन देने के बाद भ्ाी समस्या का निस्तारण नहीं
• अमर उजाला ब्यूरो
बागपत/बड़ाैत। किसानों की मांगों को लेकर भाकियू कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन एडीएम को सौंपा।
उधर, बड़ाैत में भारतीय किसान यूनियन के तत्वावधान में जनपद के किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील पर धरना गुरुवार को 11वें दिन भी जारी रहा।
भाकियू के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने बताया कि 8 जुलाई को भाकियू का प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से मिला था। पीएम ने किसानों की समस्याओं को लेकर कमेटी गठन करने तथा भूमि अधिग्रहण को लेकर बैठक करने का आश्वासन दिया था, जिससे किसानों की समस्याओं का निस्तारण हो सके। उनका कहना है कि अभी तक समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है। जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, योगेश प्रधान, राजीव प्रधान, राधेश्याम शर्मा, महेंद्र आदि थे।
उधर,
बड़ौत में भाकियू के तत्वावधान में जनपद के किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील पर धरना 11वें दिन भी जारी रहा। सपा नेता एवं पूर्व विधायक साहब सिंह ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों की मांगों को जायज बताते हुए सहयोग का आश्वासन दिया।
धरने का नेतृत्व कर रहे नरेंद्र राणा ने कहा कि 2008 में प्रशासन की मौजूदगी में बिजली विभाग के साथ हुए लिखित समझौते पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने बागपत और बड़ौत डिवीजन में नए ट्रांसफार्मरों की व्यवस्था अलग-अलग किए जाने की मांग की। किसानों से कैपीसिटर चार्ज नहीं लिया जाए। चौगामा नहर और पूर्वी यमन नहर के सभी राजवाहा और माइनर में टेल तक पानी दिया जाए। इंडियन ऑयल कंपनी द्वारा निकाली गई गैंस पाइप लाइन से प्रभावित किसानों के आठ रूपये व अन्य भूमि समतलीकरण व बकाया फसलों का मुआवजा अविलंब दिलाया जाए। चौगामा नहर परियोजना में हुए घोटाले की आशंका को देखते हुए उच्च स्तरीय आयोग से जांच कराई जाए।
धरना स्थल पर पहुंचे पूर्व विधायक साहब सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार हर मामले में फैल हो चुकी है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा और किसानों पर अत्याचार किए जा रहे है। सपा किसानों की हर लड़ाई के तत्पर रहेगी। धारना स्थल पर कृष्णपाल कैडवा, राजपाल, तेजसिंह प्रधान, रणवीर सिंह, सरवर, सुखवीर, बलजोर मलिक, सुखवीर सिंह राणा आदि मौजूद थे।
बागपत कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते भाकियू कार्यकर्ता।
ये हैं मांगें
1- कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण न किया जाए।
2- किसान को फसलों का मूल्य महंगाई के अनुसार दिया जाए।
3- किसानों के संबंध में कोई भी निर्णय लागू करने से पहले किसान प्रतिनिधियों से वार्ता की जाए।
4- फसल बीमा योजना सभी फसलों पर लागू की जाए।
5- बीज विधेयक का कानून समाप्त किया जाए।
6- किसान को समर्थन मूल्य कृषि लागत के अनुसार दिया जाए।
7- किसानों के लिए डीजल कर मुक्त किया जाए।
8- बीपीएल का कोटा बढ़ाया जाए।
9- 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बराबर पेंशन मिले।
10- देश में दोहरी शिक्षा नीति समाप्त कर समान शिक्षा नीति लागू हो।