Sunday, July 31, 2011

Bharatiya Kisan Union (A) Contact List

Bharatiya Kisan Union Contact Persons

Naresh Tikait (President) 

Rakesh Tikait (Spokesperson) - 9219666799

Yudhvir Singh (General Secretary) - 9899435968

Rajveer Singh Jadaun (State President, Uttar Pradesh) - 9140671939

Rattan Mann (State President, Haryana) - 9255299917 | 7015296773

Harinder Singh Lakhowal (State President, Punjab) - 9815653079

Jagdish Singh (State President, Madhay Pardesh) - 9425394350

Sanjay Chaudhary (State President, Uttarakhand) - 9719399220

Virender Dagar (State President, Delhi) - 9953933612

Email id: bku.tikait@gmail.com

Postal Address: 
A23 Circular road  rishab vihar Muzaffarnagar-251001
Office Bhartiya Kisan Union - 0131-2621168, 9219691168

भाकियू के स्थापना दिवस पर

भाकियू के स्थापना दिवस पर
Story Update : Tuesday, March 01, 2011    12:33 AM
मुजफ्फरनगर। भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने विधानसभा से लेकर संसद तक को पैनी की ठोड पर रखा। विधायक और सांसद से लेकर प्रधानमंत्रियों ने सिसौली में हाजिरी भरी। राजनीति से दूर रहने के लिए बाबा ने राज्यसभा सदस्य और मंत्री पद पर ठोकर मार दी, लेकिन जब राजनीति में आए तो दाल का गलना मुश्किल हो गया। भाकियू के राजनीतिक विंग बनाकर चुनावी रण में शामिल हुए लेकिन चुनावी नतीजे सिफर ही रहे।
मंगलवार को भाकियू के गठन के २४ साल पूरे हो रहे हैं। एक मार्च १९८७ को करमूखेड़ी बिजलीघर से फूंका गया बिगुल इतिहास बन चुका है। बीते ढाई दशक में भाकियू ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। १७ मार्च १९८७ को सिसौली में आहूत की गई भाकियू की पहली पंचायत में संगठन का पूर्णतया अराजनीतिक घोषित किया गया था। लेकिन टिकैत की मुट्ठी में लाखों किसानों को देख राजनीतिक दिग्गज उनसे नजदीकियां बनाने का जतन समय-समय पर करते रहे। नब्बे के दशक में यूपी और हरियाणा से उन्हें राज्यसभा में पद ग्रहण करने का न्यौता मिला लेकिन बाबा ने स्वीकार नहीं किया। पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा से टिकैत की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं रही। कभी उपप्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय देवीलाल ने भी टिकैत को किसान हित के लिए राजनीति में कूदने की सलाह दी थी। टिकैत ने आखिर वर्ष १९९६ में इलाहाबाद में भाकियू के राजनीतिक विंग भारतीय किसान कामगार पार्टी का गठन किया। भानुप्रताप सिंह के बाद रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह को इसका अध्यक्ष घोषित किया गया था। भाकिकापा आज कहां है कोई नहीं जानता। इसके बाद वर्ष २००४-०५ में दूसरे राजनीतिक विंग बहुजन किसान दल का गठन किया गया। भाकियू अध्यक्ष के पुत्र राकेश टिकैत ने खतौली विस से चुनाव लड़ा लेकिन नतीजे सिफर ही रहे। हालांकि भाकिकापा के दम पर भाकियू के राजपाल बालियान समेत कई नेता विधानसभा पहुंच गए थे जो बाद में अजीत सिंह के खास लोगों में शुमार हो गए।
इनसेट-१
किसानों को मिली नई पहचान
मुजफ्फरनगर। राजनीति विंग भले ही कोई कमाल नहीं दिखा पाए हो लेकिन भाकियू से आज भी भारी संख्या में किसान जुड़े हुए हैं। संगठन के प्रवक्ता अनिल मलिक का कहना है कि भाकियू ने किसानों को नई पहचान दी। किसानों ने सरकारी दफ्तरों में जाकर अपनी बात कहना और अपने हकों के लिए लड़ना भाकियू के दम पर ही सीखा। राजनीति में सफलता और असफलता अलग बात है।

Sunday, July 24, 2011

कलक्ट्रेट पर भाकियू की हुंकार

कलक्ट्रेट पर भाकियू की हुंकार


• स्‍टाफ रिपोर्टर

सहारनपुर। कृषि योग्य भूमि को अधिग्रहण से बचाने और बुवाई से पहले 1967 के मूल्य सूचकांक के आधार पर फसलों का मूल्य तय करने सहित अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही प्रधानमंत्री के नाम 13 सूत्री ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्त्ताओं ने गांधी पार्क से कलेक्ट्रेट तक जोरदार नारेबाजी कर जुलूस निकाला। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार ने कहा कि उपेक्षा के चलते किसान संकट में है। 14 घंटे के स्थान पर दो से तीन घंटे की बिजली आपूर्ति हो रही है। ऐसे में पहले से ही घाटे में चल रही खेती और अधिक नुकसान में हो गई है। मंडल अध्यक्ष सरदार मनमोहन सिंह और जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि किसान यूनियन की सरकार के साथ यह सहमति बनी थी कि किसानों की आरसी नहीं काटी जाएगी। लेकिन जिला प्रशासन किसानों के उत्पीड़न में लगा हुआ है।

प्रधानमंत्री के नाम भेजे ज्ञापन में भाकियू ने कहा कि निजी कार्य के लिए और कृषि योग्य भूमि का किसी भी सूरत में अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए। बीज विधेयक पर असहमति जताते हुए इसे रद्द करने की मांग की। इसके अलावा किसानों पर आंदोलनों के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने, गन्ना किसानों का बकाया दिलाने आदि मांगें की गई। जिला महामंत्री चौधरी अशोक कुमार, जगपाल सिंह, बिक्रम सिंह, मनोज कुमार, देशपाल सिंह, ब्रजपाल सैनी, भूपेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह, अजय , अनूप यादव, संजय, मेवाराम आदि रहे।

भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन

मांगों को लेकर प्रदर्शन करते भाकियू कार्यकर्ता।

कलक्ट्रेट पर भाकियू का धरना

कलक्ट्रेट पर भाकियू का धरना


आश्वासन देने के बाद भ्‍ाी समस्या का निस्तारण नहीं

• अमर उजाला ब्यूरो

बागपत/बड़ाैत। किसानों की मांगों को लेकर भाकियू कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन एडीएम को सौंपा।

उधर, बड़ाैत में भारतीय किसान यूनियन के तत्वावधान में जनपद के किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील पर धरना गुरुवार को 11वें दिन भी जारी रहा।

भाकियू के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने बताया कि 8 जुलाई को भाकियू का प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से मिला था। पीएम ने किसानों की समस्याओं को लेकर कमेटी गठन करने तथा भूमि अधिग्रहण को लेकर बैठक करने का आश्वासन दिया था, जिससे किसानों की समस्याओं का निस्तारण हो सके। उनका कहना है कि अभी तक समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है। जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, योगेश प्रधान, राजीव प्रधान, राधेश्याम शर्मा, महेंद्र आदि थे।

उधर,

बड़ौत में भाकियू के तत्वावधान में जनपद के किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील पर धरना 11वें दिन भी जारी रहा। सपा नेता एवं पूर्व विधायक साहब सिंह ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों की मांगों को जायज बताते हुए सहयोग का आश्वासन दिया।

धरने का नेतृत्व कर रहे नरेंद्र राणा ने कहा कि 2008 में प्रशासन की मौजूदगी में बिजली विभाग के साथ हुए लिखित समझौते पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने बागपत और बड़ौत डिवीजन में नए ट्रांसफार्मरों की व्यवस्था अलग-अलग किए जाने की मांग की। किसानों से कैपीसिटर चार्ज नहीं लिया जाए। चौगामा नहर और पूर्वी यमन नहर के सभी राजवाहा और माइनर में टेल तक पानी दिया जाए। इंडियन ऑयल कंपनी द्वारा निकाली गई गैंस पाइप लाइन से प्रभावित किसानों के आठ रूपये व अन्य भूमि समतलीकरण व बकाया फसलों का मुआवजा अविलंब दिलाया जाए। चौगामा नहर परियोजना में हुए घोटाले की आशंका को देखते हुए उच्च स्तरीय आयोग से जांच कराई जाए।

धरना स्थल पर पहुंचे पूर्व विधायक साहब सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार हर मामले में फैल हो चुकी है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा और किसानों पर अत्याचार किए जा रहे है। सपा किसानों की हर लड़ाई के तत्पर रहेगी। धारना स्थल पर कृष्णपाल कैडवा, राजपाल, तेजसिंह प्रधान, रणवीर सिंह, सरवर, सुखवीर, बलजोर मलिक, सुखवीर सिंह राणा आदि मौजूद थे।

बागपत कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते भाकियू कार्यकर्ता।

ये हैं मांगें

1- कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण न किया जाए।

2- किसान को फसलों का मूल्य महंगाई के अनुसार दिया जाए।

3- किसानों के संबंध में कोई भी निर्णय लागू करने से पहले किसान प्रतिनिधियों से वार्ता की जाए।

4- फसल बीमा योजना सभी फसलों पर लागू की जाए।

5- बीज विधेयक का कानून समाप्त किया जाए।

6- किसान को समर्थन मूल्य कृषि लागत के अनुसार दिया जाए।

7- किसानों के लिए डीजल कर मुक्त किया जाए।

8- बीपीएल का कोटा बढ़ाया जाए।

9- 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बराबर पेंशन मिले।

10- देश में दोहरी शिक्षा नीति समाप्त कर समान शिक्षा नीति लागू हो।