अमृतसर। भारतीय किसान यूनियन की अमृतसर में हुई महापंचायत ने सर्वसम्मति से फैसला लेकर 5 जनवरी 2012 को दिल्ली की आर्थिक नाकाबंदी करने की घोषणा कर दी है। देशभर में किसान भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में 5 जनवरी को रेल यातायात भी ठप करेंगे। अमृतसर की अनाज मंडी भगतांवाला में आयोजित महापंचायत में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों किसान शामिल हुए। किसान केंद्र सरकार की किसान व कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। करीब तीन घंटे तक चली महापंचायत की शुरुआत किसान यूनियन के नेताओं की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब पर माथा टेककर व अरदास करने के बाद की गई। किसान मांग कर रहे थे कि उनकी फसलों का रेट कृषि के लागत मूल्यों के अनुसार तय किया जाए। किसानों के कर्ज को माफ किया जाए।
किसान नेता राकेश टिकैत और अजमेर सिंह लक्खोवाल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र झूठी सरकार है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूरी तरह कृषि सेक्टर को नजर अंदाज कर रहे हैं। किसानों से विभिन्न सुविधाएं छीनकर किसानों की आर्थिक दशा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो नीतियां कृषि सेक्टर में केंद्र सरकार लागू कर रही है अगर वे जारी रहीं तो आने वाले समय में भूमि के मालिक किसान अपनी ही भूमि पर सिर्फ कृषि मजदूर बन कर रह जाएंगे। मंडियों में बासमती की आर्थिक लूट हो रही है। केंद्र सरकार व्यापारियों के साथ गठजोड़ कर करके किसानों को लूटने की छूट दे रही है। उन्होंने मांग की कि ग्रामीण मजदूरों को आरक्षण दिया जाए। किसानों की सब्सिडी बहाल की जाए। किसानों को 60 वर्षों के बाद पेंशन दी जाए। किसानों की समय-समय पर उजड़ने वाली फसल का मुआवजा दिया जाए। इस दौरान किसान नेताओं गुरनाम सिंह, विजै जवंधिया, मेघ राज बुट्टर, गुरजंट सिंह, सतनाम सिंह, लाला गौडर, राजपाल शर्मा, वरिंद्र डागर और दीवनचंद आदि ने भी किसानों को संबोधित किया।