Thursday, July 22, 2010

भाकियू ने कलक्ट्रेट घेरा, घंटों बवाल ‘साहब महंगे क्यों हैं आपके महकमे के कृषि यंत्र’



भाकियू ने कलक्ट्रेट घेरा, घंटों

बवाल

‘साहब महंगे क्यों हैं आपके महकमे के कृषि यंत्र’

बागपत। कार्यकर्ताओं का गुस्सा देख एडीएम ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत कलेक्ट्रेट पर तलब कर लिया। दोनो पक्षों में वार्ता हुई, जिसमें किसान नेता अफसरों पर भारी पड़े। उन्होंने एक के बाद एक समस्या बता अधिकारियों पर एक के बाद एक सवाल दागे और उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।

खेकड़ा के यशपाल सिंह ने कहा कि उसकी फसल खाद न मिलने से सूख रही है। वे ब्लैक में खाद लेने को मजबूर हैं। पहले सोसायटी पर बीज, चीनी, खाद मिलता था, लेकिन अब यह सोसायटी नाम की रह गई हैं।

भाकियू नेता राजेंद्र सिंह और उपेंद्र ने कहा कि तीन दिन से किशनपुर बराल बिजलीघर में पानी भरा है। लोगों को बिजली नहीं मिल रही, लेकिन पावर अफसर चुप बैठे हैं। किसानों के खेत सिंचाई के अभाव में सूख रहे हैं। उन्होंने नहर विभाग के अधिकारियों पर घपलेबाजी के आरोप भी लगाए। राजपाल सिंह, चमन शर्मा आदि ने कहा कि जिले में उद्यान विभाग नाम का रह गया है। किसानों को सरकारी योजनाओं तक की जानकारी नहीं दी जाती। कुछ किसानों ने कृषि अधिकारियों पर सवाल दागा कि साहब तुम्हारा विभाग तो कृषि यंत्रों पर छूट देता है, लेकिन यह यंत्र तो बाजार से भी महंगे हैं। एरो बाजार में 2700 रुपये में मिलता है, जबकि विभाग इसे 3700 रुपये में दे रहा है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग में एजेंट सक्रिय हैं।

बिजली-पानी, बीज-खाद की किल्लत से फूटा गुस्सा

प्रमुख मांगें

1. सहकारी समितियों पर डीएपी, जिक सल्फेट उपलब्ध हों।

2. नहरों में टेल तक पानी, हरेक गांव में किसान गोष्ठी हो।

3. खराब नलकूप ठीक कराएं और नए लगवाएं, रोस्ट से नहरों में पानी।

4. मलकपुर मिल से जल्द गन्ना भुगतान कराया जाए।

5. बागपत में ट्रांसफार्मर वर्कशॉप बनवाया जाए।

6. जिले में अवैध कमेला बंद हो।

7. बागपत और देहात के लिए 10 एमवीए का नया ट्रांसफार्मर लगे।

8. बढ़ी हुई विद्युत दरें वापस लें।

9.

बागपत और रमाला मिलों की एजीएम की बैठक हो।

10.

गेहूं का समर्थन मूल्य 1500 ओर गन्ना 300 रुपये कुंतल हो।

11. विद्युत ट्रासफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाए।

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बागपत। बिजली, पानी, बीज और खाद की दिक्कतों को लेकर बुधवार को भाकियू ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। उन्होंने संबंधित अफसरों को मौके पर बुलाने के लिए आधे घंटे का अल्टीमेटम दिया। आनन-फानन में सभी महकमे के अफसर बुलाए गए, घंटो वार्ता चली और आश्वासन दिए गए। भाकियू नेताओं ने 15 दिन में मांगे पूरा न होने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी।

भाकियू जिलाध्यक्ष प्रताप गुर्जर के नेतृत्व में जिले भर से आए सैकड़ों भाकियू कार्यकर्ता सुबह 10 बजे ही कलेक्ट्रेट के धरना स्थल पर पहुंच गए। इसके बाद नारेबाजी करते हुए डीएम कक्ष के सामने जाकर बैठ गए और पंचायत शुरू कर दी। भकियू जिलाध्यक्ष प्रताप गुर्जर, उपेंद्र सिंह, चमनलाल, नरेंद्र राणा आदि कई नेताओं ने पंचायत में कहा कि कई महीनों से किसान अपनी समस्याओं को लेकर धरना दे रहे हैं, अफसरों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अफसर सुनने को तैयार नहीं है। किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने घोषणा कर दी कि जब तक गांव में बिजली ठीक नहीं मिलेगी, छापामार टीम को घुसने नहीं देंगे।

नहरों में पानी आने और समितियों पर खाद-यूरिया का इंतजाम करने को भी एक सप्ताह का समय दिया और साफ कह दिया कि यदि उनकी शिकायतों पर सुनवाई नहीं हुई तो वह बड़ा कदम उठाएंगे।

यहां पहुंचे एडीएम रामवतार से इन्होंने इन समस्याओं पर बात करने को और संबंधित अधिकारियों को बुलाने की मांग की।

इसके लिए आधा घंटे का टाइम दिया गया और कह दिया कि यदि आधे घंटे में अधिकारी नहीं पहुंचे तो किसान दिल्ली हाईवे जाम कर देंगे, यह सुनकर अफसरों के पसीने छूटने लगे। सभी अफसरों को सूचना देकर बुलाया गया, एडीएम से वार्ता को कक्ष में सभी घुसने लगे, तो सीओ ने उन्हें रोक दिया। उसका कहना था कि उनका प्रतिनिधिमंडल अंदर जाकर बात कर ले।

इसे लेकर कार्यकर्ताओं की सीओ से कहासुनी हुई। बाद में अधिकांश किसान अंदर चले गए, जिसके बाद एडीएम की मध्यस्थता में दोनो पक्षों में घंटो तक वार्ता चली, अफसरों के आश्वासन देने के बाद ही कार्यकर्ता अपना ज्ञापन देकर लौटे।

एक दिन गांव में रहकर देखो अफसर जी

भकियू नेता प्रताप गुर्जर का कहना था कि ये अफसर प्यार की भाषा न जानते, ये तो कड़वी भाषा जाने हैं। यह अफसर तो एसी चलाकर उनमें चैन से सोवें हैं, और किसान और आम जनता बिना बिजली के रात भर जागे हैं। अफसर एक दिन गांव में रात काटकर तो देखें सब पता चल जावेगा।

छावनी बना दिया कलक्ट्रेट

प्रदर्शन को देख पुलिस प्रशासन ने कलक्ट्रेट को छावनी बना दिया था। भारी पुलिस बल यहां तैनात कर दिया गया। जैसे ही भाकियू नेताओं ने आधे घंटे में अफसरों के ना आने की घोषणा की यहां पर पुलिस बल बढ़ा दिया गया।

जल्द दूर हो जाएगी समस्या

कृषि उपनिदेशक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार धान के बीज की सप्लाई लेट होने की वजह से यह समय से किसानों को नहीं मिल सके थे। उन्होंने माना कि विदेश से डीएपी की सप्लाई लेट आई थी। जल्द ही तीन हजार एनएपी बागपत में आ जाएगी ओर दिक्कत नहीं रहेगी। इसी तरह सभी अधिकारियों ने किसानों की शिकायतों पर जानकारी देकर उन्हें संतुष्ट किया।

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