Thursday, July 22, 2010

भाकियू का कलक्टे्रट पर प्रदर्शन, हंगामाज्ञापन देने को लेकर पुलिसकर्मियों के साथ कार्यकर्ताओं की नोकझोंक और धक्का-मुक्की

भाकियू का कलक्टे्रट पर प्रदर्शन, हंगामा


ज्ञापन देने को लेकर पुलिसकर्मियों के साथ कार्यकर्ताओं की नोकझोंक और धक्का-मुक्की

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अमर उजाला ब्यूरो

बुलंदशहर। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को डीएम को ज्ञापन देने से पहले कलक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया। नाराज किसानों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने पर भाकियू कार्यकर्ता शांत हुए।

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले बुधवार की सुबह करीब ग्यारह बजे राजे बाबू पार्क में धरना और सभा हुआ। इसमें भाकियू के जिला अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कहा कि किसान बदहाली की स्थिति में हैं और सरकार मौज कर रही है। वर्तमान समय में धान की रोपाई चल रही है। किसानों को खाद, बिजली तथा पानी की सबसे अधिक आवश्यकता है, लेकिन किसानों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

सभा के बाद कृषि को उद्योग का दर्जा देते हुए एक सार्थक कृषि नीति घोषित करने, उद्योग की तरह पूंजी, लागत व श्रम के मूल्यांकन के बाद कम से कम 10 फीसदी लाभांश जोड़ते हुए कृषि उत्पादों का मूल्य निर्धारित करने, गेहूं का समर्थन मूल्य 1500 रुपये प्रति कुंतल करने तथा डीएपी, यूरिया, पोटाश और कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति समय से करने जैसी 13 मांगों को लेकर किसानों ने ज्ञापन तैयार किया।

करीब डेढ़ बजे किसान ज्ञापन देने के लिए जिला कलक्ट्रेट चले। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए पार्क का गेट बंद करवा दिया। किसान गेट का ताला तोड़कर कलक्टे्रट चल दिए। वहां पहुंचने पर पुलिस ने किसानों को कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय में जाने से रोकने के लिए कलक्ट्रेट का गेट बंद कर दिया और ज्ञापन लेने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। पुलिस के रोकने से नाराज भाकियू कार्यकर्ताओं की पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से नोकझोंक हो गई। इस दौरान पुलिस और किसानों में धक्का मुक्की भी हुई। बाद में किसानों ने पुलिसकर्मियों को धक्का देते हुए डीएम कार्यालय के बरामदे में कब्जा जमा लिया और नारेबाजी की। घटना के करीब 40 मिनट बाद सीओ सिटी आरके सिंह और एसडीएम सदर विजय पाल सिंह मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाकर शांत कराया। धरने की अध्यक्षता विजेंद्र सिंह ने की तथा संचालन यशवीर सिंह ने किया। कैप्टन बिशन सिंह, ज्ञानचंद्र, समर सिंह, सरदार सिंह, गंगाप्रसाद पिलानिया, नीटू सिंह, जयप्रकाश, मलूका सिंह, सुमन देवी आदि रहे।

किसान बदहाली की स्थिति में : मांगेराम

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