Wednesday, March 16, 2011

किसानों के लिए घातक होगा नया बीज विधेयक : नीतीश

किसानों के लिए घातक होगा नया बीज विधेयक : नीतीश


 पटना, जागरण ब्यूरो
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पेश किये जाने वाले नए बीज विधेयक को किसानों के लिए घातक करार दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री डा.मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर इसमें आवश्यक संशोधन के लिए हस्तक्षेप करने कहा है। उन्होंने इस संबंध में केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को भी पत्र लिखा है।

श्री कुमार ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य बीजों की बिक्री, इसके आयात-निर्यात तथा गुणवत्तायुक्त बीज के उत्पादन का संचालन करना है। परन्तु, गुणवत्ता को मूल्य से पूरी तरह अलग नहीं किया जा सकता है। अगर उचित मूल्य पर किसानों को बीज उपलब्ध नहीं होंगे तो विधेयक लाने का कोई मतलब नहीं रहेगा। निजी कंपनियां तथा मल्टीनेशनल कंपनियों के इस क्षेत्र में आ जाने से मूल्य पर ध्यान देना आवश्यक हो गया है। एनएससी जैसी पब्लिक सेक्टर कंपनियां जहां सौ रुपये से भी कम दाम पर एक किलोग्राम बीज उपलब्ध कराती हैं, वहीं निजी कंपनियों के बीज सैंकड़ों रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। विधेयक में मूल्य पर नियंत्रण का भी प्रावधान रहना चाहिए। फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के विधेयक में बने प्रावधान से निजी कंपनियों का कम से कम 20 सालों तक वर्चस्व रहेगा। यह किसी भी कीमत पर इस कारण भी मंजूर नहीं होगा कि बीज पर पिछले दरवाजे से निजी कंपनियां का नियंत्रण हो जाएगा।

पत्र में कहा गया है-'जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों के बिना सुरक्षा उपाय के उपयोग किये जाने का मैं विरोधी हूं। इस संबंध में मैंने केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री को पत्र भी लिखा है। जीएम बीज का निबंधन पूरी तरह से अनुसंधान कर लिये जाने के पश्चात होना चाहिए। प्रस्तावित बीज विधेयक 2002 में बनी बीज नीति के विपरीत है। नीति के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के लिए हर प्रकार का ब्योरा नेशनल ब्यूरो आफ प्लांट जेनेटिक रिसार्सेज(एनबीपीजीआर) को नेशनल जीन बैंक में रखने के लिए भेजना है। लेकिन, नये विधेयक में ऐसे किसी प्रावधान का उल्लेख नहीं किया गया है। विधेयक में फसल फेल होने की स्थिति में किसानों को मुआवजा देने का कोई प्रावधान भी नहीं रखा गया है।'

मुख्यमंत्री के अनुसार प्रदेश में पिछले वित्तीय वर्ष में निजी कंपनियों के बीज के कारण 61 हजार हेक्टेयर में मक्का की फसल फेल हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है, इस कारण प्रस्तावित बिल में राज्य सरकारों को बीज के दाम निर्धारित करने का अधिकार मिलना चाहिए। इस विधेयक के अस्तित्व में आते ही बीज नियंत्रण आदेश-1983 समाप्त हो जाएगा। ऐसे में इस आदेश में राज्य सरकार को प्रदान की गयी शक्तियों को नए विधेयक में शामिल किया जाए। स्थानीय स्तर पर बेहतर उपयोग में आने वाले बीजों के निबंधन का अधिकार राज्य सरकार को भी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूद स्वरूप में विधेयक का पारित किये जाने से ने केवल देश की कृषि को क्षति होगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा भी दूर का सपना हो जाएगा।

Thursday, March 10, 2011

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चाहता हूं किसानों के लिए कुछ बेहतर कर जाऊं टिकैत

चाहता हूं किसानों के लिए कुछ बेहतर कर जाऊं प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से फोन पर बातचीत करके भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत अपनी हंसी नहीं रोक सके। 15 मिनट हुई बातचीत के बाद प्रधानमंत्री ने सरकारी खर्चे पर उनका इलाज कराने की बात की पर टिकैत ने इसे ठुकराते हुए कहा कि उनकी हालत गंभीर है। कब क्या हो जाये पता नहीं। ऐसे में वह चाहते हैं कि किसानों के लिए केन्द्र सरकार कुछ ऐसा कर दे ताकि वह उन्हें दिल से धन्यवाद दें। उन्होंने प्रधानमंत्री से अक्टूबर 2007 में हुई बातचीत का भी जिक्र किया। कहा कि जब देश में गेहूं का संकट था तो इस मुद्दे पर उनसे बातचीत के बाद यह संकट समाप्त हुआ। ऐसे में यदि अब किसानों की मांग को सरकार गंभीरता से लेगी तो किसान ही नहीं देश भी खुशहाल होगा।

सिसौली आ सकते हैं पीएम!

सिसौली आ सकते हैं पीएम!


मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जल्द ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत से मिलने सिसौली आ सकते हैं। मंगलवार को भूमि अधिग्रहण समेत अन्य मुद्दों पर भाकियू प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता के बाद प्रधानमंत्री ने फोन पर चौ. टिकैत के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए इस बात के संकेत दिए।

राजधानी दिल्ली में मंगलवार को भाकियू के नौ मार्च को प्रस्तावित आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में पीएम कार्यालय पर मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कृषि मंत्री शरद पंवार की राकेश टिकैत के नेतृत्व वाले भाकियू प्रतिनिधिमंडल से वार्ता हुई। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल से चौधरी टिकैत के खराब स्वास्थ्य की जानकारी मिलने पर प्रधानमंत्री ने वार्ता समाप्त होते ही फोन पर उनसे बात की। भाकियू के जिला प्रवक्ता अनिल मलिक और गौरव टिकैत ने बताया कि फोन पर प्रधानमंत्री ने चौधरी टिकैत को किसानों का हितैषी बताते हुए उनके शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना की।

इस दौरान टिकैत द्वारा छेड़े गए किसान हित के मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए शीघ्र सुलझाने का आश्वासन दिया और शीघ्र ही मौका मिलने पर सिसौली आने की बात कही। भाकियू के प्रतिनिधिमंडल में पार्टी महासचिव राकेश टिकैत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजयपाल, बलराम लंबरदार, राजेश चौहान, सतनाम सिंह चीमा, राजपाल शर्मा, युद्धवीर सिंह, राजपाल पूनिया और अजमेर सिंह सहित 8 लोग शामिल थे।

प्रधानमंत्री की किसानों के लिए चिंता सराहनीय

मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लगभग डेढ़ घंटे तक भाकियू के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। भाकियू अध्यक्ष चौ. महेंद्र सिंह टिकैत के न होने पर राकेश से उनके न आने के बारे में पूछा। बीमारी की बात पता चलने पर पीएम ने उनके स्वस्थ होने की मंगलकामना करते हुए कहा कि अगली वार्ता में चौधरी टिकैत की उपस्थिति होनी चाहिए। राकेश टिकैत का कहना है कि प्रधानमंत्री की सादगी और किसानों के लिए उनकी चिंता वाकई सराहनीय है।

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किसान आंदोलन प्रधानमंत्री के आश्वासन से टला

किसान आंदोलन प्रधानमंत्री के आश्वासन से टला


मुजफ्फरनगर। भूमि अधिग्रहण कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन का 9 मार्च को प्रस्तावित दिल्ली घेरो आंदोलन मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ डेढ़ घंटे तक चली वार्ता के बाद टल गया है। भाकियू महासचिव राकेश टिकैत के अनुसार विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए मंत्रियों की समिति गठित करने के आश्वासन और खेती किसानी के मुद्दों पर सहमति बनने के बाद आंदोलन स्थगित किया है।

भूमि अधिग्रहण समेत अन्य मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने आंदोलन की तैयारियां जोर-शोर से की थी। प्रस्तावित आंदोलन रोकने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री शरद पवार ने भाकियू प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत और सह प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रियों की एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है।

इसी मुद्दे पर संसद सत्र के बाद दोनों पक्षों के बीच एक बार फिर से वार्ता होगी।

वार्ता में शामिल नहीं हुए भाकियू सुप्रीमो

मुजफ्फरनगर। भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे पीएम के साथ वार्ता में शामिल नहीं हुए। वार्ता पूरी होने के बाद भाकियू प्रतिनिधिमंडल ने फोन पर उन्हें सभी बिंदुओं से अवगत कराया।

Wednesday, March 9, 2011

Farmers' interests will be protected: PM


source:http://www.indiainfoline.com/Markets/News/Farmers-interests-will-be-protected-PM/5101012070




India Infoline News Service / 10:24 , Mar 09, 2011

Prime Minister announced that he will convene a joint meeting with the Finance Minister and the Agriculture Minister to have an in-depth discussion on various issues raised by BKU just after the current budget session
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh met a Bhartiya Kisan Union (BKU) delegation consisting of Rakesh Tikait, Ajmer Singh Lakhowal, President, Punjab Unit, Yudhvir Singh, All India Secretary, Putnaiyah, President, Karnataka Raiyat Sangh, Satnam Singh Cheema, All India General Secretary, Uttarakhand, Gurnam Singh, President, BKU, Haryana Unit, Deewan Chand Choudhary, President, BKU, UP Unit and Rajveer Singh, President, NCR. The Agriculture Minister and MoS (PMO) were present.

The delegation raised a number of issues, including remunerative prices for farm produce, amendment to the Land Acquisition Act, 4 per cent rate of interest for loans other than crop loan, effective implementation of the Minimum Support Price mechanism, due consideration of sensitivities about GM crops, protecting the interests of Indian farmers while engaging with WTO, FTA, etc., health insurance for farmers, ensuring farmers' interests while framing the Seed Bill and separate budget for agriculture like Railways.

The Prime Minister reiterated the government's deep concern for farmers welfare and assured that farmers' interests are paramount and will be fully protected at all times. He also assured that every year, before the budget, the government will bring out a report on the state of Indian agriculture. The government had already enhanced MSPs very substantially over the past 5-6 years. It will continue to strive to protect farmers' interests through the MSP mechanism. Regarding land acquisition, a separate meeting will be organized with Ministry of Rural Development and farmers' organizations.

The Prime Minister announced that he will convene a joint meeting with the Finance Minister and the Agriculture Minister to have an in-depth discussion on various issues raised by BKU just after the current budget session.









Famers’ interests are paramount: PM

source: http://www.inewsone.com/2011/03/08/famers-interests-are-paramount-pm/34055

New Delhi, March 8 (IANS) Prime Minister Manmohan Singh Tuesday said farmers’ interests are paramount and they will be fully protected at all times, a statement issued here said.


Manmohan Singh, who met a Bharatiya Kisan Union (BKU) delegation consisting of Rakesh Tikait, also promised that he will soon convene a joint meeting with Finance Minister Pranab Mukherjee and Agriculture Minister Sharad Pawar to discuss the farmers issue.

‘The prime minister reiterated the government’s deep concern for farmers welfare and assured that farmers’ interests are paramount and will be fully protected at all times,’ a statement issued by the prime minister’s office said here.

The prime minister also said every year, before the budget, the government brings out a report on the state of Indian agriculture.

Minister of State for Agriculture Arun Yadav was also present in the meeting.

Union leaders from Punjab, Uttarakhand, Haryana were also part of the delegation. They raised a number of issues, including remunerative prices for farm produce, amendment to the Land Acquisition Act, protecting the interests of Indian farmers and health insurance for farmers.





PM assures action on farmers issues

source: http://www.washingtonbanglaradio.com/content/32154311-pm-assures-action-farmers-issues

PM assures action on farmers issues
By WBRi IBNS Wire on 08 March 2011

New Delhi, Mar 8 (IBNS): Prime Minister Manmohan Singh on Tuesday promised to take up issues faced by farmers in country with Finance Minister Pranab Mukherjee and Agriculture Minister Sharad Pawar right after the Budget Session of the Indian Parliament.

A delegation from Bharatiya Kisan Union (BKU) met with the PM on Tuesday to raise issues including remunerative prices for farm produce, amendment to the Land Acquisition Act, interest rates, that they said were troubling farmers countrywide.

Implementation of the Minimum Support Price (MSP) mechanism, due consideration of sensitivities about genetically modified crops, health insurance for farmers, and a separate budget for agriculture were also among the discussions.

The Prime Minister said that the government was deeply concerned for farmers welfare and assured that farmers' interests are paramount and will be fully protected at all times.

He also assured that every year, before the budget, the government will bring out a report on the state of Indian agriculture.

The government had already enhanced MSPs very substantially over the past 5-6 years. It will continue to strive to protect farmers' interests through the MSP mechanism, Singh said.

Regarding land acquisition, a separate meeting will be organised with Ministry of Rural Development and farmers' organisations, he said.

The Prime Minister announced that he will convene a joint meeting with the Finance Minister and the Agriculture Minister to have an in-depth discussion on the various issues raised by BKU just after the current budget session..

PM to talk to Pranab Mukherjee and Sharad Pawar on farmers' issues

Source: http://www.dnaindia.com/india/report_pm-to-talk-to-pranab-mukherjee-and-sharad-pawar-on-farmers-issues_1517414

PM to talk to Pranab Mukherjee and Sharad Pawar on farmers' issues


Published: Tuesday, Mar 8, 2011, 20:57 IST

Place: New Delhi
Agency: PTI

Prime Minister Manmohan Singh on Tuesday said he will convene a joint meeting with finance minister Pranab Mukherjee and agriculture minister Sharad Pawar after the Budget session to discuss issues relating to farmers.

Singh told a delegation of Bharatiya Kisan Union (BKU) which called on him that the government would bring out every year before the budget a report on the state of Indian agriculture.

Reiterating the government's deep concern for farmer's welfare, he said the farmers interests were paramount and will be fully protected at all times.

The government had already enhanced minimum support prices (MSP) very substantially over the past 5-6 years and it would continue to strive to protect farmers' interests through the MSP mechanism, he said.

Regarding land acquisition, he said a separate meeting would be organised with the ministry of rural development and farmers' organisations, Singh said.

The delegation raised a number of issues including remunerative prices for farm produce, amendment to the Land Acquisition Act, 4% rate of interest for loans other than crop loan and effective implementation of the MSP.

Health insurance for farmers, ensuring farmers' interests while framing the Seed Bill, separate budget for agriculture like railways, due consideration of sensitivities about genetically modified (GM) crops and protecting the interests of Indian farmers while engaging with WTO were other issues raised by the delegation.









Agriculture report every year pm

source-http://www.business-standard.com/india/news/agriculture-report-every-year/427863/
Agriculture report every year




BS Reporter / New Delhi March 09, 2011, 1:02 IST


The government will bring out a report on the state of agriculture every year before the Budget, said Prime Minister Manmohan Singh on Tuesday.
Addressing a delegation of farmer leaders, the Prime Minister said he would convene a joint meeting with Finance Minister Pranab Mukherjee and Agriculture Minister Sharad Pawar after the Budget session to discuss issues relating to farmers.


- Manmohan sparks fresh controversy over CVC

- New land allotment policy in AP soon

- CPI-M attacks Mamata Banerjee on rail budget

- Radia tapes blame game reaches PM

- Top PMO officials to depose before PAC

- I was not aware of corruption case against Thomas: PM

Reiterating the government’s deep concern for farmers’ welfare, he said “farmers interests were paramount and would be fully protected at all times”.

The government had substantially enhanced the minimum support prices over the past 5-6 years and will continue to strive to protect farmers’ interests through the MSP mechanism, he said.
Regarding land acquisition, he said a separate meeting would be held with the ministry of Rural Development and farmers’ organisations.

The delegation raised a number of issues, including remunerative prices for farm produce, amendment to the Land Acquisition Act, loans, other than crop loans, at four per cent interest and effective implementation of the MSP.

Health insurance for farmers, ensuring farmers’ interests while framing the Seed Bill, separate budget for agriculture along the lines of railways budget, due consideration of sensitivities about GM crops and protecting the interests of Indian farmers while engaging with WTO were other issues raised by the delegation.



Tuesday, March 8, 2011

PM Assures Farmers that their Interests will be Protected

source: http://www.pib.nic.in/newsite/erelease.aspx


PM Assures Farmers that their Interests will be Protected The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh met a Bhartiya Kisan Union (BKU) delegation consisting of Shri Rakesh Tikait, Shri Ajmer Singh Lakhowal, President, Punjab Unit, Shri Yudhvir Singh, All India Secretary, Shri Putnaiyah, President, Karnataka Raiyat Sangh, Shri Satnam Singh Cheema, All India General Secretary, Uttarakhand, Shri Gurnam Singh, President, BKU, Haryana Unit, Shri Deewan Chand Choudhary, President, BKU, UP Unit and Shri Rajveer Singh, President, NCR. The Agriculture Minister and MoS (PMO) were present.

The delegation raised a number of issues, including remunerative prices for farm produce, amendment to the Land Acquisition Act, 4 per cent rate of interest for loans other than crop loan, effective implementation of the Minimum Support Price mechanism, due consideration of sensitivities about GM crops, protecting the interests of Indian farmers while engaging with WTO, FTA, etc., health insurance for farmers, ensuring farmers' interests while framing the Seed Bill and separate budget for agriculture like Railways.

The Prime Minister reiterated the government's deep concern for farmers welfare and assured that farmers' interests are paramount and will be fully protected at all times. He also assured that every year, before the budget, the government will bring out a report on the state of Indian agriculture. The government had already enhanced MSPs very substantially over the past 5-6 years. It will continue to strive to protect farmers' interests through the MSP mechanism. Regarding land acquisition, a separate meeting will be organized with Ministry of Rural Development and farmers' organizations.

The Prime Minister announced that he will convene a joint meeting with the Finance Minister and the Agriculture Minister to have an in-depth discussion on various issues raised by BKU just after the current budget session.

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RCJ/SH/SKS
(Release ID :70709)

Saturday, March 5, 2011

Bharatiya Kisan UnionFarmers are unhappy with the government.

Bharatiya Kisan UnionFarmers are unhappy with the government.ROHTAK: The brewing discontent among Indian farmers against the government policies is about to spill on roads as the Bhartiya Kisan Union (BKU) has threatened to launch a major offensive by blocking all national highways to cut off Delhi from other states on March 9.




The BKU is angry over the continuous neglect of farming sector by the Centre and state governments and policies which have proved disastrous for the economic condition of farmers. The farmers have been opposing the acquisition of fertile land and demanding implementation of recommendations of Swaminathan committee report.



Farmers have planned road blockages on seven national highways including Delhi-Rohtak (NH 10) near Asaudha village in Jhajjar district, Delhi-Chandigarh (NH1) near Rai village in Sonipat, Delhi-Jaipur (NH8) near Gurgaon, Delhi-Palwal highway (NH2), Delhi-Saharanpur (NH58) near Mundola village in UP, Delhi-Ghaziabad (NH24) and Delhi-Noida highway.



The Haryana BKU chief Gurnam Singh told The Times of India, "The centre and state governments have been framing anti-farmer policies. They have ruined the agriculture economy. We are prepared for a prolonged fight with the government on our demands," the farmer leader threatened. He said that their blockade would continue until the government called them for a high level meeting to discuss their demands.



Listing out their demands, Singh maintained that the government should not acquire fertile land for Special Economic Zones (SEZs) and industrial projects and the land for the roads or other essential services must be acquired at a 50 percent premium from the prevailing market rates. "The MSP of the agriculture produce must be fixed as per the recommendations of the Swaminathan committee report. The farmers must be given medical facilities at par with the government employees. There should be separate budget for the agriculture like the railway budget and all kinds of loans on farmers should be waived off."



The BKU leader said that it was unfortunate that the agriculture budget in the tenth five year plan had been cut down to below 10%. "The indiscrimination in land acquisition has pushed the farmers to a corner. The farmers are hardly getting any technical or other support from the government even as the landholding is shrinking. Such policies have led to a food scarcity in the country."



Rakesh Tikait, spokesperson of the BKU said that farmers from Haryana, Punjab, UP, Rajasthan, Uttrakhand would take part in the 'halla bol' agitation beginning from March 9. "If the government does not lend an ear to us, then we would call a grand rally in Delhi," he stated.

Thursday, March 3, 2011

जाम रोकेगा दिल्ली की सांसें

जाम रोकेगा दिल्ली की सांसें
संजीव जैन, मेरठ नौ मार्च को खेतों पर किसान नजर नही आएंगे। इस रोज वह अपने हक की मांग को लेकर देश की राजधानी नई दिल्ली के चारों ओर आंदोलन करते दिखेंगे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने इस दिन दिल्ली सीमा के सात मुख्य मार्गों को जाम के चक्रव्यूह में फांसने की योजना बनाई है। नौ मार्च को किसी भी राज्य से न तो कोई वाहन दिल्ली में प्रवेश कर पाएगा और न ही कोई वाहन बाहर आ पाएगा। भाकियू ने किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर यह योजना बनाई है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने बताया कि आंदोलन में देशभर से एक लाख से अधिक किसान आठ मार्च को ही दिल्ली की ओर कूच कर देंगे। नौ मार्च को सुबह से आंदोलन शुरू हो जाएगा। किसान सात मार्गों पर चक्का जाम करेंगे और किसी भी हालत में कोई वाहन गुजरने नहीं दिया जाएगा। यहां होगा जाम मंडौला, यूपी गेट, महामाया फ्लाईओवर, पलवल, जयपुर हाइवे, रोहतक, दिल्ली-चडीगढ़ मार्ग। इन मार्गों पर क्रमश: नरेश टिकैत-चंद्रपाल फौजी (मेरठ व सहारनपुर मंडल), राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा-प्रदेश अध्यक्ष दीवान चंद चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान, राकेश टिकैत, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, हरियाणा अध्यक्ष गुरचरण सिंह व पंजाब अध्यक्ष अजमेर सिंह आन्दोलन का नेतृत्व करेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह टिकैत यूपी गेट पर रहेंगे। ये हैं मांगें भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1864 में संशोधन, फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने को कमेटी का गठन, सस्ती ब्याज दरों पर कृषि यंत्र की उपलब्धता, बिना ब्याज किसानों को फसली ऋण, योजना आयोग में किसानों की भागीदारी। हर मिनट फंसेंगे 1500 वाहन दिल्ली यातायात पुलिस की ओर से गृह मंत्रालय दी गई एक रिपोर्ट के अनुसार इन सात मार्गों पर प्रति मिनट 1500 वाहनों का आवागमन होता है। यदि जाम रहता है तो नौ मार्च को यूपी की ओर से कोई वाहन दिल्ली प्रवेश नहीं कर पाएगा।