Friday, May 8, 2020

गांव की सीमा पर मजदूरों के लिए भोजन-पानी व छाया में बैठने की व्यवस्था करें किसान- चौ0 राकेश टिकैत

किसानों की तरह खेतीहर मजदूर भी कृषि की रीढ़, घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहींः- चौ0 राकेश टिकैत
गांव की सीमा पर मजदूरों के लिए भोजन-पानी व छाया में बैठने की व्यवस्था करें किसान:-भाकियू


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ0 राकेश टिकैत जी ने हजारों मील का पैदल सफर तय कर रहें मजदूरों के उत्पीड़न व परेशानी की खबरों से आहत होकर प्रशासन को चेताते हुए कहा कि पैदल साईकिल से अपनी मंजिल पर जा रहे प्रवासी श्रमिकों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा। चौ0 टिकैत ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान एवं मजदूर के समक्ष कोरोना के इस संकट के समय तबाही का एक नया दौर आ खड़ा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित रोजगार न होने के कारण लोग अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित अनेक राज्यों में खेतीहर मजदूर का कार्य कर रहें है। सरकार की उपेक्षा व गलत नीतियों के चलते आये दिन हजारों श्रमिक पंजाब से चलकर लखनऊ, गोण्डा, बस्ती, फर्रूखाबाद, महराजगंज के लिए गुजर रहे है। इन खेतीहर मजदूरों पर पूलिस का अत्याचार जारी है। जिसकी खबरें समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हो रही हैं। महामारी के कारण भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूर बच्चों सहित अपने गांव की हजारों किलोमीटर दूरी की पैदल यात्रा पर निकले हैं।
मेरी किसानों व भारतीय किसान यूनियन के लोगो  से अपील है कि इन प्रवासी श्रमिकों के लिए अपने गांव की सीमा में भोजन पानी एवं छाया या रूकने की उचित व्यवस्था करायें। प्रवासी श्रमिकों को कैम्प में रोककर पैदल चल रहे लोगों की सूचना प्रशासन को देकर इनके लिए बसों की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें।
                                                                                                         

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