Tuesday, June 25, 2013

बढ़ी बिजली दरों के खिलाफ प्रदेश व्यापी आन्दोलन शीघ्र - भा0कि0यू0

प्रकाशनार्थ
प्रदेश सरकार कर रही है किसानों की अनदेखी - टिकैत
बढ़ी बिजली दरों के खिलाफ प्रदेश व्यापी आन्दोलन शीघ्र - भा0कि0यू0

आज दिनांक 25.06.2013 को भा0कि0यू0 के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत व प्रदेश अध्यक्ष दीवान चन्æ चौधरी ने प्रदेश कार्यालय पर संवाददाता सम्मेलन को संयुक्त रूप से सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा असंवैधानिक तरीके से प्रदेश के लगभग 10 लाख किसानों व 44 लाख ग्रामीण जनता को बिजली दरों में 35 से 45 प्रतिशत तक की वृद्धि की है जो पूरी तरह से गलत है। राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही जनता को राहत न दी गयी तो भा0कि0यू0 द्वारा अगले माह की 21 तारीख को सभी जिला मुख्यालयों  पर विधुत दरों में की गयी बढ़ोत्तरी के खिलाफ बड़ा आन्दोलन किया जायेगा। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा किसानों को 5 से 6 घण्टे विधुत आपूर्ति की जा रही है, जबकि पूर्व वर्षो मेें  14-15 घण्टे विधुत आपूर्ति मिल रही थी। ऐसे में आपूर्ति घटाकर बिजली की दरोें में बढ़ोतरी पूरी तरह गलत है। बिजली दर बढ़ाकर प्रदेश सरकार किसानों से लगभग 400 करोड़ ज्यादा राजस्व कमाना चाहती है जिसके मंशूबों को कामयाब होने नहीं दिया जायेगा। सरकार अपने चुनावी घोषणा-पत्र के अनुसार वादा
निभाये और किसानों को मुफत बिजली   दे । साथ ही लगाये गये 3.70 प्रतिशत सरचार्ज को तुरन्त वापस ले।
चौधरी टिकैत ने यह भी कहा कि लोहिया के आदर्शो पर चलने वाली और अपने आपको किसान हितैषी बताने वाली समाजवादी पार्टी सरकार के शासनकाल में किसानों की सबसे ज्यादा अनदेखी की जा रही है। सपा के घोषणा'-पत्र में चुनाव से पूर्व किसानों को फ्री बिजली, पानी, किसानों के      रू0 50,000.00 तक की ऋण माफी किसान आयोग का गठन, किसान हितैषी जैसी कृषि नीति जैसे - लोक लुभावने वादे किये गये थे लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए सोंचना भी बन्द कर दिया गया है। पूर्व की सरकार द्वारा आयोजित कराये जा रहे जिला स्तर पर किसान दिवस को भी बन्द कर दिया है। भा0कि0यू0 प्रदेश अध्यक्ष दीवान चन्æ चौधरी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी से पूर्व में भा0कि0यू0 प्रतिनिधि मण्डल की दो बार वार्ता में किसानों के सम्बन्ध में कुछ मुददों पर हुर्इ सहमति को भी लागू नहीं किया गया है। सरकार द्वारा हर वर्ग से किये गये वादों को पूरा किया जा रहा है लेकिन सरकार किसानों के मुददों पर खामोश है। भा0कि0यू0 जल्द ही लखनऊ मंें एक बड़ी किसान पंचायत के माध्यम से किसानों से ''वादा निभाओ आन्दोलन की शुरूआत करेगी। आज की प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष श्री अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली की बढ़ी दरों के खिलाफ चलाये जा रहे आन्दोलन का समर्थन किया। आज की प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से चौधरी राकेश टिकैत (राष्ट्रीय प्रवक्ता) दीवान चन्æ      चौधरी प्रदेश अध्यक्ष (उ0प्र0)घनश्याम वर्मा, अवधेश वर्मा,  मुकेश सिंह, बाराबंकी जिलाध्यक्ष श्री रामकिशोर पटेल तथा लखनऊ के जिलाध्यक्ष श्री हरिनाम सिंह वर्मा व भा0कि0यू0 के समस्त जिलों के जिलाध्यक्ष व पदाधिकारी मौजूद थे।

Tuesday, June 18, 2013

भारतीय किसान युनियन के नेताओ ने जकार्ता में हुए अंतररास्ट्रीय किसान सम्मलेन में भाग लिया .......

     प्रेस नोट 


इंडोनेसिया की राजधानी जकार्ता में लाविया काम्पेसिना द्वारा  6  वे अंतररास्ट्रीय किसान सम्मलेन का आयोजन 6 जून से १३ जून तक किया गया ...... सम्मलेन में 6 -7 जून को महिला परिषद् का आयोजन किया गे ,जिसमे महिला किसानो की समस्याओ पर विचार किया गया ..महिला परिषद् में महिला किसनो को सामान अधिकार ,महिला किसानो को जमीन का अधिकार,उत्पीडन,महिला किसानो की आन्दोलन में भागीदारी को बढ़ने आदी विषयो पर चर्चा की  गयी ...महिला परिषद् में भारतीय किसान युनियन की केतकी सिंह (उत्तर परदेश ) राजरिगा (तमिलनाडु) नंदनी (कर्नाटक राज्य संघ ) ने भाग लिया लेकर महिला किसानो के लिए कार्य  करने का प्रस्ताव किया।

सम्मलेन में 8  -9  जून को युवा किसान  परिषद् का आयोजन किया गया .जिसमे युवा किसानो का खेती में रूचि न रखना ,युवाओ का पलायन,युवाओ में जमीं का बटवारा ,युवाओ को खेती आधारित रोजगार ,युवाओ को खेती में रोकने हेतु खेती को लाभकारी बनाने हेतु कार्य करने का संकल्प लेकर    गतिविधियों व् अनुभवों को सभी के साथ बाटकर अंतररास्ट्रीय सतर पर कार्य करने का निर्णय लिया ....युवा किसान  परिषद् में भारत से धर्मेन्द्र मालिक ने भाग लिया ..........


अंतररास्ट्रीय किसान सम्मलेन 10 -12जून तक परिषद् का आयोजन किया गया ...जिसमे मुख्य रूप 5 मुद्दों पर चर्चा की गयी ..
1 . जलवायु परिवर्तन ;  परिषद् में जलवायु परिवर्तन को लेकर सभी देश के किसानो ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से किसानो को काफी नुकसान हो रहा है,जलवायु परिवर्तन से किसानो के सामने बीज का खतरा उत्पन्न हो गया है ..किसानो के बीज उचित तापमान न मिलने के कारन उत्पादन नहीं दे रहे है .....असमय बारिश और सर्दी से किसानो के सामने संकट है ....सभी देश की सरकारे अगर
किसानो को जैविक खेती के लिए सुविधाए पर्दान करे तो तापमान को कम किया जा सकता है ..सभी किसान संगठन केमिकल और रासायनिक खाद मुक्त खेती को बढावा देगे ...

सस्ते कृषि आयात का विरोध ; परिषद् में कृषि आयात को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए किसानो ने  कहा कि सस्ते आयात से किसान को उनके उत्पाद का मुल्य  नहीं मिल रहा है ,विश्व वयापार संगठन व् मुक्त व्यापर समझोते के कारन किसान मार झेल रहे है ...सभी तरह के कृषि आयात का विरोध करने का निर्णय लिया गया ...

बहुरास्ट्रीय कंपनियों के खिलाप आन्दोलन करने ,कंपनियों द्वारा भूमि अधिग्रहण ,बीज पर कब्जे की साजिश आदि को लेकर  कंपनियों के विरोध में आन्दोलन होगा .....

परिषद् में 70 देसों के 150 किसान संगठनो के पर्तिनिधियो ने भाग लिया ....परिषद् में भारत में राकेश टिकैत ,युधवीर सिंह ,सतनाम सिंह चीमा ,राजपाल शर्मा ,नालागोंदर ,शैलामुट्टू ,चुक्की स्वामी  ने भाग लिया .........