Sunday, March 22, 2015

प्रधानमंत्री मोदी जी की मन बात से किसानो में नहीं जगी आशा की किरण ,किसानो के गम्भीर मुद्दो फसलो के लाभकारी मूलय ,आमदनी गारंटी ,आत्महत्या पर न बोलने से किसानो में निराशा -----भाकियू

प्रधानमंत्री मोदी जी की मन बात से किसानो  में  नहीं जगी आशा की किरण ,किसानो के गम्भीर मुद्दो फसलो के लाभकारी मूलय ,आमदनी गारंटी ,आत्महत्या पर न बोलने से किसानो में निराशा -----भाकियू 

संवाद एकतरफा नही होता ,किसानो को भी मन की बात कहने के लिए कोई रेडिओ उपलब्ध कराये मोदी सरकार --राकेश टिकैत 

नई दिल्ली २२ मार्च ----आज देश के प्रधानमन्त्री जी ने किसानो के मुद्दो पर "मन की बात " की ,लेकिन  देश के प्रधानमन्त्री जी का बात सुनकर देश का किसान निराश हो गया । किसानो को उम्मीद थी कि सरकार गठन के दस माह बाद मोदी जी को पहली बार किसान की याद आई है तो देश के प्रधानमंत्री जी किसानो से किये गए आपने वादे फसलो की लागत में 50 % जोड़कर लाभकारी मूल्य देना ,किसानो की आपदा से हुए हानि की भरपाई हेतु मुआवजा राशि की घोषणा करना ,किसानो की आमदनी निश्चित करना ,आजीविका सुरक्षा ,किसानो की बढ़ रही आत्महत्या रोकना जैसे मुद्दो पर कोई गंभीर जानकारी देंगे ,लेकिन मोदी  केवल भूमि अधिग्रहण बिल पर अपनी सफाई देते नजर आये । 
मोदी जी ने देश के किसानो जमीन के मुद्दे पर भी  गुमराह करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने बिल में बदलाव कर 13 दूसरे कानून जिनके अंतर्गत भी जमीन का अधिग्रहण होता है ,उनको भी इस कानून की परिधि  गया है । यह बात मोदी जी की गलत है ,क्योकि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में स्पस्ट लिखा था कि दूसरे कानून भी एक साल के बाद इसकी परिधि में आयेगे ,मोदी जी की सरकार ने केवल इसको लागु किया । 
पहले कानून में सभी प्रभावित  नौकरी का प्रावधान था,लेकिन मोदीसरकार  ने इसे बदलकर केवल खेती मजदुर परिवार कर दिया है । मुआवजे की राशि में मोदी सरकार द्वारा कोई बदलाव नहीं किया है ,भाकियू का  दावा है कि कही भी चार  गुना नहीं मिलेगा क्योकि सर्किल रेट वास्तविक मूलय से काम है ,यह देश का खुला रहस्य  है । मोदी जी ने मन की बात  में इस विषय को भी उठाया है कि किसानो को   डूभ क्षेत्र की जमीनो से  नहीं हटाया जायगा लेकिन  बताये यह कानून में  है  यह कहा लिखा है । 
भारतीय किसान यूनियन का यह भी कहना है कि जिन पांच क्षेत्रो में सरकार अधिग्रहण से पड़ने वाले असर का आकलन करने से मन कर रही है ,उन्ही क्षेत्रो में  तक सबसे ज्यादा अधिग्रण हुआ है ।
 प्रधानमंत्री मोदी जी की मन की बात से किये गए संवाद से स्तबध हु कि मोदी जी ने इतने बड़े मंच से भी किसानो को गुमराह किया है । संवाद कभी एक तरफ से नहीं होता ,मोदी जी किसानो को कोई मंच दे ,जिससे किसानो के मन की बात भी मोदी जी जान सके । 


                                                                                                                                                             भवदीय 

                                                                                                                                                          चौ राकेश टिकैत 

                                                                                                                                       प्रवक्ता भारतीय किसान यूनियन 

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