माननीय,
श्री नरेन्द्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री भारत सरकार,
साउथ ब्लॉक नई दिल्ली।
विषयः देश के गन्ना किसानों को संरक्षित करने के लिए चीनी आयात के फैसले को
निरस्त करने के सम्बन्ध में।
मान्यवर,
समाचार पत्रों के माध्यम से संज्ञान में आया है कि भारत सरकार में 5 लाख टन शुल्क मुक्त आयात किये जाने का फैसला किया है। जिसका कारण देश में चीनी के उत्पादन में गिरावट बताई गयी है। भारत दुनिया में चीनी का चौथा बड़ा उत्पादक व उपभोक्ता देश है। देश में चीनी का सीजन अभी समाप्त नहीं हुआ है। इस वर्ष देश में 2.25 करोड टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। यह अनुमान प्रारम्भिक आंकडा है। देश में चीनी का उत्पादन ज्यादा भी हो सकता है। पिछले वर्षों में पूर्व की सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में कच्ची चीनी का शुल्क मुक्त आयात किया गया। जिससे चीनी के दाम घरेलू बाजार में निम्न स्तर पर आ गये थे। देश का शुगर उद्योग किसानों का भुगतान भी समय से नहीं कर पा रहा था। जिससे गन्ना किसानों के क्षेत्रों में भी आत्महत्या की संख्या में काफी वृद्धि हुई थी।
देश में पिछले वर्ष 23.4 मिलियन टन व 2015-16 में 25.1 मिलियन टन का बम्पर उत्पादन हुआ था। पिछले वर्ष का गन्ना सत्र समाप्त होने के बाद सितम्बर में देश में 4.85 मिलियन टन चीनी मिलों के पास खपत से ज्यादा थी। गन्ने के बुआई को देखते हुए आगामी गन्ना सीजन में भी 25.5 मिलियन टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। पूर्व में भी 4 मिलियन टन चीनी का जो आयात किया था वह चीनी भी अभी बाजार में उपलब्ध है। देश में चीनी की कोई कमी नहीं है।
विभिन्न परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अगर सस्ती कच्ची चीनी का आयात किया जाता है तो कई वर्षों से मार झेल रहे गन्ना किसानों के फिर से बुरे दिन चालू हो जायेंगे।
भारतीय किसान यूनियन आपसे आग्रह करती हैं कि कच्ची चीनी आयात के किसान विरोधी फैसले को अविलम्ब वापिस लिया जाए।
सदैव आपका
चौ. राकेश टिकैत
(राष्ट्रीय प्रवक्ता भाकियू)
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