Thursday, July 22, 2010

प्रशासन ने मजबूर होकर खोला कलक्ट्रेट का गेटJul

प्रशासन ने मजबूर होकर खोला कलक्ट्रेट का गेटJul 22, 12:52 amबताएं


Twitter Delicious Facebook बिजनौर : किसानों की भीड़ के सामने बुधवार को प्रशासनिक अफसर बेबस नजर आए। आनन-फानन में ग्यारह किसानों को कलक्ट्रेट में घुसने की अनुमति दी गई, किंतु करीब 25 किसानों ने एडीएम से मुलाकात कर अपनी बात कही।



भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह, धीर सिंह बालियान, ठाकुर गजेंद्र सिंह, लुध्यिान सिंह, मूला सिंह, ओमपाल सिंह की अगुवाई में बुधवार को सुबह ग्यारह बजे चक्कर चौराहे पर एकत्र हुए। यहां से जुलूस के रूप में ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार किसान शास्त्री चौक, सिविल लाइन, मुख्य डाकघर होते हुए कलक्ट्रेट के बाहर पहुंचे, किंतु प्रशासनिक अफसरों के इशारे पर सुरक्षाकर्मियों ने कलक्ट्रेट गेट बंद कर दिया। यहां किसानों की एसडीएम सदर एसबी सिंह से नोक झोंक भी हुई। प्रशासन के इस तुगलकी फरमान से खफा किसानों ने ऐलान कर दिया कि यदि पांच मिनट में गेट नहीं खुला तो गेट तोड़ दिया जाएगा। स्थिति को देख बैकफुट पर आए प्रशासनिक अफसरों ने 11 किसानों को ज्ञापन देने के लिए यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह को राजी कर लिया। कलक्ट्रेट का गेट खुलते ही करीब 25 वरिष्ठ किसान नेता एडीएम (प्रशासन) के कक्ष में ज्ञापन देने पहुंच गए। एडीएम को दिए ज्ञापन में पेट्रोलियम पदार्थो की बढ़ी कीमतें वापस लेने, 20 घंटे बिजली दिलाने, स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराने, चीनी मिलों की बिक्री पर रोक लगाए जाने समेत 20 सूत्रीय समस्याओं के निदान की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में बिजेंद्र सिंह, डालचंद, लक्ष्मीनारायण, पूर्व जिलाध्यक्ष मोहम्मद आसिफ खां, महावीर सिंह, धूम सिंह, चक्रधर शर्मा, बाबूराम तोमर, जितेंद्र पहलवान, मंगल सिंह फौजी, गिरिशचंद शर्मा समेत अनेक किसान मौजूद थे।

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