समस्याओं की अनदेखी से बिफरे किसान
अंबेडकरनगर। किसानों समेत विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक टिकैत गुट के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। कहा गया कि शासन-प्रशासन द्वारा लगातार किसानों की उपेक्षा की जा रही है। इसे अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टांडा में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को सड़क पर खड़ा कर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष रणजीत उर्फ लल्लू वर्मा ने कहा कि चावल की बिक्री दर विगत वर्षों की अपेक्षा वर्तमान समय में ५०० से ६०० रुपये प्रति कुंतल कम हो गयी है। इससे किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है। इसके अलावा धान का समर्थन मूल्य लागत के अनुसार बहुत कम है। उन्होंने चावल व गेहूं का निर्यात खोले जाने के साथ ही बोनस जोड़कर प्रत्येक न्याय पंचायतों में क्रय केंद्र खोलते हुए धान की वास्तविक खरीद कराने की व्यवस्था करने तथा गन्ने का खरीद मूल्य ३०० रुपये प्रति कुंतल सुनिश्चित किए जाने की मांग की। जिला महासचिव दीपक तिवारी ने कम से कम २० घंटे विद्युत आपूर्ति मुहैया कराए जाने एवं पूर्व की तरह बिल वसूली के लिए पासबुक प्रणाली शुरू किए जाने की मांग उठाई। वक्ताओं ने कहा कि जिन किसानों की भूमि नदियों के कटाव में समाप्त हो गई है, उन्हें उतनी ही भूमि की व्यवस्था शासन-प्रशासन को करनी चाहिए। इस मौके पर धर्मराज सिंह, बसंतलाल, दयाराम चौधरी, श्यामलाल, रामकुमार, रामउजागिर आदि मौजूद रहे। अंत में सीएम को संबोधित मांगपत्र एसडीएम सदर आनंद स्वरूप को सौंपा।
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