Tuesday, December 28, 2010

किसानों को भाकियू ने दिलाया हक ः टिकैत

किसानों को भाकियू ने दिलाया हक ः टिकैत


दोघट। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने कहा कि भाकियू ने किसानों को अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार किया है। २५ वर्ष पूर्व केंद्र और राज्य सरकार किसानों का शोषण कर रही थीं, तब भाकियू किसानों के हित के लिए आगे आई और बढ़ी विद्युत दरें, गन्ने की कीमत, नहरों में पानी, अधिग्रहण, भूमि का मुआवजा दिलवाया।

रविवार को भड़ल गांव में आयोजित महापंचायत में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को भारत के किसानों की ओर से किसानरत्न की उपाधि से नवाजा गया। इस अवसर पर उन्होंने वेस्ट यूपी से आए हजारों किसान प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो समाज कमजोर हो जाता है, उसकी सुनने वाला कोई नहीं होता। भाकियू किसानों का संगठन है। वह किसानों के हकों की लड़ाई, लड़ने के लिए हर समय तैयार रहता है। उन्होंने बताया कि १९८७ में प्रदेश सरकार ने विद्युत भार पांच रुपये बढ़ा दिया था, तब भाकियू ने आंदोलन किया था, उसी का नतीजा था कि सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। भाकियू की आवाज पर ही उप्र सरकार व केंद्र सरकार ने कई बार गन्ने, गेहूं व अन्य फसलों के दाम बढ़ाए हैं।

उन्होंने कहा कि मेरठ, गाजियाबाद व अन्य शहरों में किसानों को जमीन के दाम कोड़ियों में मिल रहे थे, भाकियू ने आंदोलन कर जमीन का सही मुआवजा दिलवाया। आज उप्र सरकार और केंद्र सरकार यह मान रही है कि भाकियू कमजोर हो गई है, पर ऐसा नहीं है। उप्र सरकार निजी नलकूपों के पावर एवं बिजली दरें लखनऊ में बैठकर बढ़ा देती है, ऐसा हम नहीं होने देंगे। बढ़ी दरें तथा किसानाें एवं किसानों की समस्याओं को लेकर भाकियू गंभीर है और वह कभी भी आंदोलन छेड़ सकती है। टिकैत ने कहा कि किसानों ने जो अभिनंदन मेरा किया है वह पूरी किसान बिरादरी का अभिनंदन है। इसके लिए मैं आभारी रहूंगा।

पंचायत में सात प्रस्ताव पारित हुए, जिसमें चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को भारतरत्न की उपाधि की मांग, उनकी सुरक्षा का जिम्मा, वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार को टिकैत की सुरक्षा का प्रबंध करना चाहिए। १९६७ को आधार वर्ष मानकर किसानों की फसलों के दाम के आधार पर मूल्य तय करने के लिए आयोग गठित किया जाए और हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दिए गए सुझाव मूल्य स्वीकृत कर किसानों को लाभ दिलाया जाए। हिंदू विवाह एक्ट में संशोधन कर सगोत्र विवाह पर प्रतिबंध, सीमांत किसानों को बिजली या नहर द्वारा सिंचाई की व्यवस्था मुफ्त कराई जाए। उक्त सभी विषयों के लिए राज्यपाल, उप्र की मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

पंचायत की अध्यक्षता सीताराम मलिक तथा संचालन संयुक्त रूप से मांगेराम राठी, मांगेराम आर्य, रामछैल पंवार ने किया। संयोजक चौधरी नरेंद्र राणा ने कहा कि भाकियू अब २५ वर्ष की हो गई है। अभी किसानों के हकाें की लड़ाई लड़नी बाकी है। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत शीघ्र स्वस्थ हो जाएंगे। पंचायत को हरपाल सिंह सचिव, हरफूल सिंह अमीन, प्रताप गुर्जर, सुखमल, रण सिंह, इकबाल सिंह कवि आदि ने संबोधित किया।



सगोत्रीय विवाह के खिलाफ बोले टिकैत

चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने पत्रकार वार्ता में सगोत्रीय विवाह के सवाल पर कहा कि कहीं भाई-बहन की भी शादी होती है। उन्होंने कहा कि कन्या भू्रण हत्या समाज के लिए अभिशाप है। उधर, नरेंद्र राणा ने पत्रकारों को बताया कि भाकियू का यह रजत जयंती वर्ष है। पूरे वर्ष क्षेत्र के इसी तरह के कार्यक्रम चलेंगे। मार्च में शहीदों पर भी एक कार्यक्रम आयोजित होगा।



गिरफ्तारी हुई तो हजारों किसान जाएंगे जेल

बड़ौत। भड़ल गांव में पंचायत चुनाव के दौरान पुलिस पर पथराव व रोड जाम के मामले में नामजद ७४ लोगों ने टिकैत से शिकायत की। इस पर भाकियू नेता चंद्रपाल फौजी ने कहा कि यदि गिरफ्तारी हुई तो ७४ हजार किसान गिरफ्तारी देंगे। भाकियू को ऊंचा उठाने के लिए अमर उजाला ने काफी काम किया है और अमर उजाला की वहां जमकर तारीफ हुई।

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